Haryana News: हरियाणा सरकार ने हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अधिनियम को लागू कर दिया है। इस कानून का मकसद 17 विभागों के नियमों को गैर-आपराधिक बनाना है ताकि कारोबारियों को छोटी तकनीकी गलतियों पर जेल या आपराधिक सजा का सामना न करना पड़े। अब ऐसी गलतियों पर केवल दीवानी दंड या प्रशासनिक कार्रवाई होगी। इस फैसले से राज्य में कारोबार करना पहले से ज्यादा आसान और पारदर्शी बन जाएगा।
राज्यपाल ने दी मंजूरी
हरियाणा मंत्रिमंडल में यह संशोधन पास होने के बाद राज्यपाल प्रो. असीम कुमार घोष ने शनिवार को इस पर मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यह कानून अब पूरे प्रदेश में लागू हो गया है। राज्य सरकार का कहना है कि इससे उद्योग जगत को राहत मिलेगी और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में सुधार आएगा।
हर तीन साल में बढ़ेगा दंड
नए कानून के तहत अब किसी भी अधिनियम में तय दंड की राशि हर तीन साल बाद 10 प्रतिशत बढ़ा दी जाएगी। इसके अलावा किसी भी व्यक्ति पर जुर्माना लगाने से पहले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन करना जरूरी होगा। यानी बिना सुनवाई के किसी पर कोई दंड नहीं लगाया जा सकेगा।
सरकार ने इस अधिनियम के जरिए 14 अलग-अलग कानूनों के तहत 1,113 अनुपालन समाप्त किए हैं और 37 छोटे प्रावधानों को अपराध मुक्त कर दिया गया है। इससे उद्योग, व्यापार और आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। सरकार का मानना है कि इससे राज्य में “ईज ऑफ डूइंग बिजनेस” को बढ़ावा मिलेगा।
इन मामलों में तय हुए जुर्माने
नई व्यवस्था के तहत अब कई छोटे नियमों पर जुर्माने तय किए गए हैं।
सार्वजनिक जगह पर पशु बांधने पर 500 रुपये जुर्माना।
लाइसेंसधारी प्लंबर द्वारा तय शुल्क से अधिक मांगने पर 500 रुपये जुर्माना।
सार्वजनिक जगह पर धोबी द्वारा कपड़े धोने पर 500 रुपये जुर्माना।
हरियाणा जिला बोर्ड अधिनियम के तहत अब 5,000 रुपये जुर्माना।
शहरी क्षेत्र में सुअर रखने पर 5,000 रुपये जुर्माना।
झूठा बयान देने पर 50,000 रुपये तक जुर्माना।

















