Haryana News: हरियाणा सरकार ने इस बार राशन डिपो के जरिए बाजरे का वितरण बंद करने का फैसला लिया है। इसका कारण है कि सरकारी एजेंसियों ने इस बार बाजरा खरीद नहीं किया है। इसलिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग ने सिर्फ गेहूं, चीनी और सरसों का तेल ही राशन के तौर पर देने का फैसला किया है।
बाजरे का वितरण क्यों नहीं होगा?
पिछले कई सालों से हरियाणा में सर्दियों के मौसम में गेहूं के साथ बाजरा भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत बांटा जाता था। लेकिन इस साल बाजरे की फसल पर बारिश का बुरा असर पड़ा है। सितंबर और अक्टूबर के महीने में बार-बार हुई बारिश की वजह से बाजरे की गुणवत्ता खराब हो गई है।
खराब गुणवत्ता की वजह से बाजरा खरीद में रुकावट
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बाजरे के नमूने सरकारी खरीद एजेंसियों जैसे हेफेड और एचडब्ल्यूसी की लैब में जांच के लिए भेजे थे। लेकिन जांच में बाजरा खराब पाया गया और इसे गुणवत्ता के मानक पर खरा नहीं उतरने की वजह से खरीद के लिए मंजूरी नहीं मिली।
लाभार्थियों को अब क्या मिलेगा?
अब इस सर्दी में राशन डिपो पर केवल गेहूं, चीनी और सरसों का तेल ही बांटा जाएगा। बाजरे का वितरण न होने से कुछ लाभार्थियों को परेशानी हो सकती है क्योंकि बाजरा पोषण के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है। हालांकि सरकार ने अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री की आपूर्ति सुनिश्चित की है ताकि आम लोगों को ज्यादा परेशानी न हो।
इस बार बारिश और खराब गुणवत्ता की वजह से हरियाणा में बाजरे का राशन वितरण संभव नहीं हो पाया है। यह फैसला खाद्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उम्मीद है कि अगले साल बाजरे की फसल अच्छी होगी और पीडीएस के तहत यह फिर से उपलब्ध हो सकेगा। तब तक लाभार्थियों को गेहूं और अन्य जरूरी चीजों से ही संतुष्ट होना होगा।

















