Haryana News: हरियाणा सरकार पानी के दुरुपयोग और बर्बादी पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है। शीतकालीन सत्र में इस विषय पर एक खास बिल लाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। बिल में पानी का दुरुपयोग, बर्बादी और चोरी-छिपे कमर्शियल इस्तेमाल करने वालों के लिए भारी जुर्माना और सजा का प्रावधान रखा गया है। सरकार का कहना है कि कुछ लोगों की लापरवाही के कारण आम जनता को भी पानी की समस्या का सामना करना पड़ता है।
मंत्री ने बताया कि शहरी इलाकों में पानी की कमी नहीं है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ तकनीकी कारणों से समस्या आ रही है। भारी बारिश और जलभराव के कारण चुनौतियां बढ़ीं हैं, लेकिन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि ग्रामीण इलाकों में पानी की आपूर्ति नियमित हो।
पेयजल की बर्बादी रोकने के लिए नए बिल में मीटर लगाने और बिलों की समय पर वसूली का भी प्रावधान होगा। बिल न जमा करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी। पानी की अवैध कटौती पर भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
विभाग के अनुसार, शहरों में पानी के बिलों की वसूली 60-65 फीसदी है, जबकि गांवों में यह मात्र 5-7 फीसदी है। इसी वजह से गांवों में भी पेयजल मीटर लगाने पर काम चल रहा है। महाग्राम योजना के तहत 10 हजार से अधिक आबादी वाले 148 गांवों में पेयजल, सीवरेज और एसटीपी की व्यवस्था विकसित की जा रही है।
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत और पानीपत जैसे जिलों में नए पानी के बिल लागू किए गए हैं। अब घरेलू उपभोक्ताओं को पानी के इस्तेमाल के हिसाब से दोगुनी दरें भरनी होंगी। 1 से 20 किलोलीटर के लिए प्रति लीटर दर बढ़ाकर 6.38 रुपये कर दी गई है, जबकि 20 से 40 किलोलीटर के लिए यह 10.21 रुपये हो गई है। 40 किलोलीटर से अधिक उपयोग पर प्रति लीटर 12.76 रुपये देने होंगे।
सरकार का यह कदम पेयजल और सीवरेज सिस्टम के वित्तीय बोझ को कम करने और बेहतर सेवा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। जनता से उम्मीद है कि वे पानी का जिम्मेदारी से उपयोग करेंगे।

















