Haryana: भारतीय वायुसेना द्वारा मंगलवार से हिसार के महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे पर एक चार दिवसीय फाइटर एयरक्राफ्ट प्रशिक्षण अभियान आयोजित किया जाएगा। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नए रनवे पर होगा, जिसे हाल ही में वायुसेना के उपयोग के लिए तैयार किया गया है। इस अभियान का नेतृत्व ग्रुप कैप्टन रितम कुमार करेंगे, जो सिरसा एयरफोर्स स्टेशन से जुड़े हैं।
इस चार दिवसीय अभियान का उद्देश्य वायुसेना के फाइटर पायलटों को नए रनवे पर उड़ान भरने और आपातकालीन स्थितियों में रनवे के इस्तेमाल की क्षमता को परखना है।
हिसार हवाई अड्डे पर वायुसेना की तैयारी
इस प्रशिक्षण अभियान के लिए भारतीय वायुसेना का एक 15 सदस्यीय दल सोमवार दोपहर हिसार हवाई अड्डे पर पहुंच चुका है। दल ने हवाई अड्डे के विभिन्न पहलुओं का निरीक्षण किया और सुनिश्चित किया कि सभी सुविधाएं ठीक से कार्य कर रही हैं। इसके अलावा, वायुसेना के सिरसा एयरफोर्स स्टेशन के मुख्य संचालन अधिकारी ने स्थानीय प्रशासन और हवाई अड्डे के अधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक के दौरान, उन्होंने अधिकारियों से हवाई अड्डे पर सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इनमें वाइल्डलाइफ प्रबंधन, एंबुलेंस और मेडिकल सेवाएं शामिल हैं। इस प्रशिक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हवाई अड्डे पर सभी सुरक्षा उपायों का पालन हो और कोई भी अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न न हो।
18 पायलट करेंगे प्रशिक्षण
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान लगभग 18 पायलट हिसार हवाई अड्डे पर आएंगे। यह पायलट अपनी चार दिवसीय प्रशिक्षण अवधि के दौरान विभिन्न प्रशिक्षण मिशनों का हिस्सा होंगे। ये मिशन उड़ान सुरक्षा, आपातकालीन लैंडिंग, और उच्च गति पर नियंत्रित उतराई जैसे तकनीकी कौशल पर केंद्रित होंगे।
इस प्रकार का प्रशिक्षण भारतीय वायुसेना के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पायलटों को विभिन्न प्रकार की परिस्थितियों में त्वरित निर्णय लेने की क्षमता विकसित करने में मदद करेगा।
हिसार हवाई अड्डे का महत्व
हिसार हवाई अड्डे का उपयोग आने वाले समय में वायुसेना के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। इससे पहले, भारतीय वायुसेना ने एक्सप्रेसवे पर भी जेट एयरक्राफ्ट लैंड किए थे, जिससे यह स्पष्ट हो गया था कि हिसार हवाई अड्डा एक रणनीतिक स्थान है। इस हवाई अड्डे को सिरसा और अंबाला हवाई अड्डों के बैकअप के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है।
केंद्र सरकार ने इस हवाई अड्डे को सैन्य और नागरिक उड्डयन दोनों के लिए एक संवेदनशील स्थान के रूप में पहचानने का काम किया है। यहां से निकटवर्ती सैन्य छावनी और कंटनमेंट एरिया को देखते हुए, यह हवाई अड्डा भारतीय सेना के लिए भी रणनीतिक महत्व रखता है।
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
हिसार हवाई अड्डे पर इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन और हवाई अड्डे के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध रहें।
स्थानीय अधिकारियों ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि इस प्रशिक्षण के दौरान कोई भी समस्या उत्पन्न न हो। इसके लिए प्रशासन और वायुसेना के अधिकारी मिलकर काम करेंगे, ताकि यह प्रशिक्षण अभियान पूरी तरह से सफल और सुरक्षित हो।
सेना की तैयारियां और भविष्य की योजनाएं
हिसार हवाई अड्डे के विकास को देखते हुए, भारतीय सेना इस हवाई अड्डे को अपने सैन्य अभियानों के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान मान रही है। आने वाले समय में यहां सैन्य विमानों की लैंडिंग और उड़ानें शुरू हो सकती हैं। यह क्षेत्र सिरसा और अंबाला हवाई अड्डों के साथ एक मजबूत सैन्य हवाई नेटवर्क का हिस्सा बन सकता है।
इसके अलावा, हिसार हवाई अड्डे को सिविल एविएशन के लिए भी तैयार किया जा रहा है, जिससे नागरिक उड्डयन के लिए भी यहां यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सके।
हिसार हवाई अड्डे पर विमानन का भविष्य
हिसार हवाई अड्डे की तैयारी के साथ, यह स्थान भविष्य में भारत के विमानन उद्योग के लिए भी एक प्रमुख केंद्र बन सकता है। इसमें सैन्य विमानों की लैंडिंग और नागरिक विमानों के संचालन की क्षमता हो सकती है।
इसके अलावा, नई एयरलाइनों के संचालन, विमानन प्रशिक्षण, और सुरक्षा प्रशिक्षण जैसे कार्यक्रम यहां आयोजित किए जा सकते हैं।
इस हवाई अड्डे का विकास केवल स्थानीय विकास के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सैन्य तैयारी के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। इस प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम हवाई अड्डे की सुरक्षा और मूलभूत ढांचे को और बेहतर बनाएंगे।
हिसार हवाई अड्डे पर आयोजित हो रहे इस चार दिवसीय फाइटर एयरक्राफ्ट प्रशिक्षण अभियान से न केवल भारतीय वायुसेना के पायलटों को प्रशिक्षण मिलेगा, बल्कि यह हवाई अड्डे के विकास और भविष्य की योजनाओं का भी महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा। यह कार्यक्रम न केवल भारतीय वायुसेना के लिए, बल्कि समग्र भारत की रक्षा तैयारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
भारतीय वायुसेना की यह पहल हिसार हवाई अड्डे को एक रणनीतिक सैन्य और नागरिक हवाई अड्डे के रूप में स्थापित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।