Haryana News: हरियाणा सरकार ने राज्य भर के सभी 97 सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेजों में भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। इस फैसले से स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहे कॉलेजों को राहत मिलने की उम्मीद है। जल्द ही इस कालेजो मे रिक्त पद भरे जाएंगें।
अब फैकल्टी और प्रशासनिक स्टाफ की कमी दूर होने के साथ ही नई शिक्षा नीति 2020 को और अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा। अभी तक कॉलेजों को स्टाफ की कमी के कारण सुचारू रूप से चलने में दिक्कत आ रही थी। इन संस्थानों में 2019 से कोई नई भर्ती नहीं हुई थी। रिक्तियां बढ़ती जा रही थीं और कई कॉलेज प्रिंसिपल या आवश्यक शिक्षण संकाय के बिना चल रहे थे। कुछ संस्थानों ने नई नियुक्तियों के लिए मंजूरी मिलने के बिना वर्षों तक इंतजार किया।
प्रिंसिपल के 51 पद रिक्त: बता दे कि हरियाणा में 97 सरकारी सहायता प्राप्त निजी कॉलेज संचालित होते हैं। इस कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों और प्रिंसिपलों के लिए भर्ती प्रक्रिया में संशोधन किए जाने तक रोक लगा दी थी। इसमें प्रिंसिपल के 51 पदों पर नियुक्ति नहीं हो पा रही थी।
बता दे हरियाणा के सहायता प्राप्त कॉलेजों में कुल 2872 शिक्षण और लगभग 800 गैर-शिक्षण पद हैं। इनमें से लगभग 48 फीसदी से ज्यादा पद खाली हैं। क्योंकि इन पदो पर रोक लगाई हुई थी।
जानिए भर्ती का मापदंड: इंटरव्यू के लिए 12.5 अंक निर्धारित किए गए हैं। एजुकेशन रिकॉर्ड के लिए 40, एक्सपीरिएंस और शोध के लिए 20 तय किए गए हैं। एक्स्ट्रा क्वालिफिकेशन (PHD, J-आरएफ-नेट और सेट) के लिए 15 मिलेंगे। सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों (NSS, NCC, गणतंत्र दिवस परेड में भागीदारी और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पॉजीशन) के लिए 7.5 और खेल के लिए 5 अंक निर्धारित किए गए हैं।
इतना ही नही साक्षात्कार को आगे तीन सब कैटेगरी रखी गई हैं। विषय ज्ञान के लिए पांच अंक दिए जाएंगे, जिसमें चयन समिति द्वारा चुने गए विषय पर चार से पांच मिनट की प्रस्तुति, संचार कौशल और आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) ज्ञान के लिए 4.5 अंक और व्यक्तित्व (पर्सनैलिटी) के लिए 3 अंक शामिल होंगें।

















