Haryana News: हरियाणा के करनाल और पिंजौर हवाई अड्डों पर जल्द ही फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी ताकत से फिर शुरू होने वाली है। कैबिनेट मंत्री के लगातार प्रयासों से एक साल से लटके मुद्दे अब सुलझ गए हैं। पिंजौर हवाई अड्डे को नाइट फ्लाइंग के लिए अपग्रेड किया जाएगा ताकि ऑपरेशनल क्षमता बढ़ सके। साथ ही यहां एयरो स्पोर्ट्स और एयरो-एडवेंचर जैसी गतिविधियों को भी बढ़ावा देने की योजना है।
एयरो क्लब ऑफ इंडिया के साथ लंबित विवाद खत्म
हरियाणा इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल एविएशन (एचआईसीए) और एयरो क्लब ऑफ इंडिया (एसीआई) के बीच जो लीज और बाकी वित्तीय मुद्दे एक साल से रुके हुए थे, वे अब हल हो गए हैं। 28 नवंबर को एसीआई परिसर में हुई बैठक में दोनों पक्षों ने मिलकर सहमति बनाई। इस सहमति से चार एयरक्राफ्ट की लीज रिन्यूअल में देरी खत्म हुई और फ्लाइंग ऑपरेशन फिर से शुरू हो सकेगा। अब इस ट्रेनिंग प्रोग्राम के बैकलॉग को पूरा करने और प्रदर्शन सुधारने पर फोकस रहेगा।
फ्लाइंग बेड़े का विस्तार और नए कोर्स
एचआईसीए जल्द ही सिंगल-इंजन एयरक्राफ्ट के बेड़े का विस्तार करने वाला है। इसके साथ ही मल्टी-इंजन एयरक्राफ्ट खरीदने की योजना भी है, ताकि ज्यादा व्यापक ट्रेनिंग दी जा सके। इस कदम से राज्य के युवा एविएशन इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए बेहतर तैयारी कर सकेंगे। साथ ही करनाल और पिंजौर एयरड्रोम पर केबिन क्रू ट्रेनिंग कोर्स भी जल्द शुरू करने की योजना है।
ड्रोन ट्रेनिंग और एमआरओ ऑपरेशन
हरियाणा सरकार पूरे राज्य में ड्रोन उड़ाने की ट्रेनिंग और टेस्टिंग भी कराना चाहती है। इसके लिए जरूरी संसाधनों का प्रबंध किया जाएगा। साथ ही करनाल और पिंजौर हवाई अड्डों पर एमआरओ (मेन्टेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहाल) ऑपरेशन की भी योजना बनाई गई है ताकि एयरक्राफ्ट की देखरेख और सेवा बेहतर हो सके।
मौजूदा संसाधनों को बढ़ाकर और बेहतर फाइनेंशियल पैकेज लागू करके ट्रेनिंग ऑपरेशन को और अधिक मजबूती दी जाएगी। इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा युवाओं को फ्लाइंग ट्रेनिंग में शामिल करना और उनके सपनों को साकार करना है। अब करनाल-पिंजौर हवाई अड्डे हरियाणा के युवा पायलटों के लिए उम्मीद की नई किरण साबित होंगे।

















