Haryana News: हरियाणा सरकार ने राज्य में मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। इसके तहत फरीदाबाद, गुरुग्राम और हिसार में मत्स्य मंडी स्थापित करने की योजना है। इन मंडियों के बनने से मत्स्य पालन करने वाले किसानों को सीधे लाभ मिलेगा और वे अपने उत्पादों को बेहतर दामों पर बेच सकेंगे। इसके साथ ही, प्रदेश में झींगा मछली प्रोसेसिंग यूनिट लगाने की भी योजना बनाई जा रही है, जिससे मत्स्य उत्पादों का बेहतर प्रोसेसिंग और मार्केटिंग हो सकेगी।
जिला भिवानी के गांव गरवा में 24.5 एकड़ भूमि पर 98.90 करोड़ रुपये की लागत से एकीकृत एक्वा पार्क उत्कृष्ठता केंद्र स्थापित किया जाएगा। इसके लिए निविदाएं भी मांगी जा चुकी हैं। इसी तरह, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत जिला सिरसा में खारे पानी की जलकृषि विकास परियोजना शुरू होगी, जिसके लिए गांव पोहरका में 25 एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। यह परियोजनाएं मत्स्य पालन के क्षेत्र को मजबूत बनाएंगी और किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेंगी।
हरियाणा के कृषि, किसान कल्याण, पशुपालन और मत्स्य पालन मंत्री श्याम सिंह राणा ने मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में अब तक 25 मत्स्य कोल्ड स्टोर बनाए जा चुके हैं और 18 और बन रहे हैं। इनमें से 10 कोल्ड स्टोर पर किसानों को सब्सिडी भी दी गई है। इस वित्त वर्ष में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 13 करोड़ रुपये की सब्सिडी वितरित की जा चुकी है, जबकि केंद्र सरकार से अतिरिक्त 20 करोड़ रुपये के बजट की मांग की गई है।
मत्स्य किसानों को तालाबों पर सोलर सिस्टम लगाने के लिए भी 45 लाख रुपये के अनुदान दिए जा चुके हैं। मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बचे हुए सब्सिडी भुगतान को जल्द पूरा किया जाए। इसके अलावा, बकरी और भेड़ के दूध के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए जाएंगे। भेड़ों की उच्च नस्लें बीपीएल परिवारों को निशुल्क उपलब्ध कराई जाएंगी और भेड़-बकरी बीमा योजना अगले वर्ष से पूरी तरह निशुल्क होगी। मंत्री ने कहा कि बकरी का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत मिलेगी।
खरीफ सीजन 2025-26 के दौरान किसानों के खातों में अब तक 14,336 करोड़ रुपये से अधिक की राशि भेजी जा चुकी है। राज्य में करीब 3 लाख किसानों ने “मेरी फसल मेरा ब्योरा” पोर्टल पर पंजीकरण कराया है, जिसमें से 61 लाख टन से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। इन पहलों से हरियाणा के किसानों को मजबूत समर्थन मिलेगा और कृषि क्षेत्र में सुधार आएगा।

















