Haryana: पलवल जिला पुलिस ने बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूल सेफ व्हीकल पॉलिसी के तहत एक विशेष अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत ट्रैफिक इंचार्ज जगबीर सिंह ने शिक्षा विभाग और आरटीए के सहयोग से जिले के विभिन्न स्कूलों में छापेमारी की और स्कूल बसों और वैनों की कड़ी जांच की। अभियान का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चों को स्कूल आने-जाने के दौरान कोई खतरा न हो और सभी वाहनों में सुरक्षा मानक पूरी तरह लागू हों।
जांच के दौरान कई बसों में गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। कुछ बसों में प्राथमिक चिकित्सा किट (फर्स्ट-एड बॉक्स) मौजूद नहीं थी, जबकि अग्निशामक यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) दोषपूर्ण या एक्सपायर हो चुके पाए गए। कई ड्राइवरों के लाइसेंस और पृष्ठभूमि सत्यापन (बैकग्राउंड वेरिफिकेशन) भी अपडेट नहीं थे। टीम ने तुरंत स्कूल प्रबंधन को ऑन-साइट सभी कमियों को ठीक करने के निर्देश दिए और चेतावनी दी कि यदि निर्धारित समय में सभी मानक पूरे नहीं किए गए, तो भारी जुर्माना और वाहन जब्त किया जाएगा।
बच्चों की सुरक्षा पर कोई समझौता नहीं
जिला पुलिस अधीक्षक वरुण सिंघला ने कहा, “बच्चों की सुरक्षा पर किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा। स्कूल सेफ व्हीकल पॉलिसी का कड़ाई से पालन कराना हमारी प्राथमिकता है। किसी भी स्कूल ऑपरेटर या ड्राइवर की लापरवाही पाए जाने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।” इस अभियान में मुख्य रूप से वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट, परमिट, इंश्योरेंस और प्रदूषण प्रमाणपत्र, ड्राइवर का वैध ड्राइविंग लाइसेंस और पुलिस सत्यापन, कंडक्टर की नियुक्ति और प्रशिक्षण, फर्स्ट-एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर और इमरजेंसी निकास की जांच की जा रही है।
स्कूलों को अल्टीमेटम और माता-पिता से अपील
पुलिस ने सभी निजी और सरकारी स्कूलों को अल्टीमेटम दिया है कि वे एक सप्ताह के भीतर सभी वाहनों को स्कूल सेफ व्हीकल पॉलिसी के अनुरूप सुनिश्चित करें। इसके बाद एक और सघन निरीक्षण किया जाएगा, और यदि किसी वाहन में कमियां पाई गईं तो चालान और वाहन जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने माता-पिता से भी अपील की है कि वे नियमित रूप से अपने बच्चों द्वारा उपयोग की जाने वाली बसों की जांच करें और किसी भी कमी की जानकारी तुरंत पुलिस या शिक्षा विभाग को दें, ताकि बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

















