Haryana: यमुना नदी के किनारे बसे तीन गांवों – सहुपुरा खादर, मोथुका और शाहजहांपुर – में अवैध रूप से पंजीकृत पंचायत जमीन पर बने घरों को अब कानूनी मान्यता दी जाएगी। इन गांवों के लोगों के घर अब तोड़े नहीं जाएंगे। एसडीएम कोर्ट में इन घरों से संबंधित मामले चल रहे हैं, वहीं सरकार ने ऐसे अवैध अतिक्रमणों को नियमित करने के लिए एक नई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत, 2004 से पहले पंचायत या देह शमलात जमीन पर कब्जा कर घर बनाने वाले ग्रामीणों को अब मालिकाना हक दिया जाएगा।
ग्रामीणों को योजना का लाभ पाने के लिए आवेदन करना होगा। आवेदन के साथ पूर्व 2004 के बिजली बिल, चूल्हा कर रसीदें, निवास प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज जमा करने होंगे। इसके अलावा, जमीन की 2004 की सर्किल रेट और वर्तमान सर्किल रेट की प्रतिलिपि भी अनिवार्य है। संबंधित ग्राम पंचायत और ग्राम सभा का प्रस्ताव भी जमा करना होगा, जिसमें यह प्रमाणित किया गया हो कि अतिक्रमण 2004 से पहले से है। प्रशासन 2004 के सैटेलाइट चित्रों की तुलना वर्तमान स्थिति से कर अतिक्रमण की जांच करेगा।
गांवों की पृष्ठभूमि और अतिक्रमण की कहानी
2024 में यमुना नदी में बाढ़ आई थी। बाढ़ से बचाव के लिए उस समय के गुरुग्राम के डिप्टी कमिश्नर एल.एफ. ब्रेन ने सहुपुरा खादर, शाहजहांपुर और नांगला गांवों को अन्य गांवों की पंचायत जमीन पर पुनर्वासित करने के आदेश दिए। इसके तहत सहुपुरा खादर के ग्रामीणों को अरुआ, शाहजहांपुर को चांदपुर और नांगला को मोथुका में बसाया गया। पुनर्वास के दौरान इन गांवों को सीमित पंचायत जमीन आवंटित की गई थी। लेकिन बाद में ग्रामीणों ने अपने आवंटित से अधिक जमीन पर कब्जा कर और अधिक घर बना लिए।
अतिक्रमण नियमित करने की प्रक्रिया और लाभ
सरकार की नई योजना के तहत, अतिक्रमण वाले गांवों के लोगों को जमीन की कीमत सर्किल रेट के अनुसार चुकानी होगी। इसके बाद उनकी अवैध कब्जा स्थायी रूप से मान्य कर दी जाएगी। जिस गांव की पंचायत जमीन पर अवैध कब्जा है, उसकी ग्राम पंचायत और ग्राम सभा को प्रस्ताव पास करना होगा। एसडीएम कोर्ट उन ग्रामीणों के दावे खारिज कर देगी जिनकी जमीन पर अवैध कब्जा हुआ है। इस योजना से गांवों के हजारों परिवारों को लाभ मिलेगा और उनकी समस्या का स्थायी समाधान होगा। इस योजना के बारे में प्रवीण कुमार, जिला पंचायत और विकास अधिकारी, फरीदाबाद ने बताया कि यह कदम स्थानीय लोगों के हित में एक बड़ी पहल है।

















