Haryana : दिल्ली-जयपुर हाईवे पर स्थित Private कंपनी में लेंटर से गिरे मलबे को हटाने का रेस्क्यू जारी है। मलबे में दबने से हुई इंजीनियर की मौत को जिला प्रशासन, मेंनेजमेंट व परिजनो की रेवाड़ी डीसी कार्यालय में बैठक आयोजित की गई। बैठक में हाकिम के बेटे को स्थाई नौकरी व परिवार को एक करोड 1.13 करोड रूपए देने पर सहमति हुई है।Haryana
NH 48 पर स्थित कंपनी में शुक्रवार देर रात छत का लेंटर गिरने से मलबे के नीचे दबने से एक इंजीनियर की मौत हो गई। जबकि इस हादसे में पांच अन्य श्रमिक घायाल हो गए। मृतक की पहचान अलवर के लक्ष्मणगढ के गांव ठेकराबास के निवासी हाकिम खान 48 के रूप मे हुई है।
36 घंटे चला रेस्क्यू : हाकिम के बेट ने बताया कि कि आग लगने के चलते छत से लेंटर गिर गया था। लेटर में मलबे में एक इंजीनियर दब गया। करीब 36 घंटे एनडीआरएफ व एचएसडीआरएस की ओर से रेस्क्यू किया गया। लेकिन जब तक इंजीनियर की मौत हो चुकी थी। रविवार को मृतक का पोस्टमार्टम करवार शव परिजनो को सोंप दिया है।
छावनी बनी कंपनी: इस हादसे की सूचना पाकर एसपी रेवाड़ी डा. मयंक गुप्ता ने घटना स्थल का निरीक्षण किया तथा रेस्क्यू टीम से अब तक कि कार्रवाई की जानकारी ली तथा मलबे में फंसे कर्मचारियों को जल्द निकालने के निर्देश दिए गये। इस दौरान डीएसपी हेडक्वार्टर डॉ रविंद्र सिंह, ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार श्याम सुंदर व करीब 50 से ज्यादा पुलिस जवान तैनात रहे। कंपनी में लगातार सुरक्षा को लेकर निगरानी रखी गई।

















