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Haryana: हरियाणा सरकार का बड़ा ऐलान, इन किसानों को मिलेगा दोगुना मुआवजा

On: June 6, 2025 5:25 PM
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Haryana: हरियाणा सरकार ने बिजली की हाईटेंशन लाइनों और ट्रांसमिशन टावरों से प्रभावित भूमि मालिकों को राहत देने के लिए मुआवजे की नई और संशोधित नीति लागू कर दी है. इसके तहत अब भूमि अधिग्रहण के बिना भी सरकार प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देगी. खास बात यह है कि पहली बार ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर के लिए भी भुगतान की व्यवस्था की गई है.

नगर निगम क्षेत्रों में 60% तक मुआवजा मिलेगा
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि गुरुग्राम, फरीदाबाद सहित सभी 11 नगर निगम क्षेत्रों में अगर किसी भूमि के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरती है, तो भूमि मालिक को जमीन की कीमत का 60 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा. वहीं नगर परिषद और नगर पालिका क्षेत्रों में यह मुआवजा 45 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 30 प्रतिशत होगा.

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मुआवजे की गणना कैसे होगी?
मुआवजे की दरें उस क्षेत्र के सर्किल रेट या कलेक्टर रेट के आधार पर तय की जाएंगी. जहां जमीन का बाजार मूल्य इन दरों से ज्यादा होगा. वहां जिला स्तर पर गठित समिति मूल्य निर्धारण करेगी.

इस समिति में होंगे:

उपायुक्त (या उनके द्वारा नामित अधिकारी) – अध्यक्ष
भूमि मालिकों का प्रतिनिधि
बिजली ट्रांसमिशन कंपनी का अधिकारी
हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड के अधीक्षण अभियंता
आवश्यकता अनुसार एक अतिरिक्त सदस्य भी नियुक्त किया जा सकेगा.
खेती की जमीन पर ट्रांसमिशन टावर तो मिलेगा 200% मुआवजा
नई नीति के अनुसार यदि किसी किसान की खेत की जमीन पर ट्रांसमिशन टावर लगाया जाता है या खेत के ऊपर से हाईटेंशन लाइन गुजरती है, तो अब भूमि की कीमत का 200 प्रतिशत मुआवजा मिलेगा. पहले यह मुआवजा सिर्फ 100 प्रतिशत होता था.

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पुरानी नीतियों से हटकर बड़ा बदलाव
इस नई नीति में विशेष तौर पर इस बात को शामिल किया गया है कि अब ट्रांसमिशन लाइन कॉरिडोर (Right of Way Corridor) के लिए भी मुआवजा मिलेगा, जो पहले की नीति में नहीं था. इससे लंबे समय से किसानों और ट्रांसमिशन कंपनियों के बीच चल रहे विवादों का समाधान संभव हो सकेगा.

फसलों का मुआवजा पुराने नियमों के अनुसार
हालांकि फसल नुकसान का मुआवजा अभी भी पूर्ववर्ती नीति के अनुसार ही मिलेगा. नई व्यवस्था का उद्देश्य जमीन पर कब्जा किए बिना किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाना और बिजली ट्रांसमिशन परियोजनाओं को बाधारहित बनाना है.

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किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
सरकार की इस नई पहल से किसानों, भूमि मालिकों और बिजली कंपनियों के बीच संतुलन बनेगा. यह नीति न सिर्फ पारदर्शी है. बल्कि भूमि अधिग्रहण के बिना समन्वयपूर्ण विकास की दिशा में बड़ा कदम भी है.

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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