Haryana news: आपने जो जानकारी साझा की है, वह वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने और ओवरएज (पुराने) वाहनों पर नियंत्रण करने के लिए उठाए जा रहे गंभीर और ठोस कदमों की ओर इशारा करती है। इसे संक्षेप में और बिंदुवार तरीके से इस प्रकार प्रस्तुत किया जा सकता है:
ओवरएज वाहनों पर सरकार की सख्ती: मुख्य बिंदु
1. 27 लाख से ज्यादा ओवरएज वाहन:
प्रदेश में 27 लाख से अधिक ऐसे वाहन हैं जो फिटनेस पूरी कर चुके हैं, लेकिन अभी भी सड़कों पर दौड़ रहे हैं और वायु प्रदूषण फैला रहे हैं।
2. वाहनों की जब्ती की कार्रवाई:
- वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ऐसे वाहनों की पहचान कर जब्ती के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं।
- विभाग नियमित जांच कर रहा है, और विशेष अभियान चलाकर इन वाहनों को जब्त किया जाएगा।
3. ईंधन आपूर्ति पर रोक:
1 जुलाई 2025 से दिल्ली में:
10 साल से पुराने डीजल और 15 साल से पुराने पेट्रोल वाहनों को पेट्रोल पंप से ईंधन नहीं मिलेगा।
1 नवंबर 2025 से एनसीआर के 5 जिले:
गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत (हरियाणा), गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर (उत्तर प्रदेश) में यह नियम लागू होगा।
1 अप्रैल 2026 से पूरे प्रदेश में:
- सभी जिलों में पेट्रोल पंपों से ऐसे ओवरएज वाहनों को तेल देने पर रोक।
4. तकनीकी निगरानी:
ANPR (Automatic Number Plate Recognition) सिस्टम:
- दिल्ली: 30 जून 2025 तक सभी पंपों पर अनिवार्य।
- उपरोक्त 5 एनसीआर जिले: 31 अक्टूबर 2025 तक।
- बाकी एनसीआर: 31 मार्च 2026 तक।
- सीसीटीवी कैमरे व अन्य निगरानी प्रणाली भी मुख्य सड़कों पर लगाई जाएगी।
5. पूर्व अभियानों की सफलता:
पिछली सर्दियों में चलाए गए विशेष अभियानों के दौरान बड़ी संख्या में ओवरएज वाहन जब्त किए गए.

















