8th Pay Commission: भारत में करोड़ों सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इन दिनों एक बड़ी उम्मीद लगाए बैठे हैं। वो उम्मीद है 8वें वेतन आयोग की घोषणा, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में बड़ा सुधार आ सकता है। वर्तमान में लागू 7वां वेतन आयोग दिसंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा और उसके बाद नए वेतन आयोग के आने की प्रबल संभावना है।
वेतन आयोग की परंपरा और महत्व
भारत सरकार की यह स्थापित प्रथा है कि हर दशक में एक नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। यह आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन में आवश्यक संशोधन करता है। यह महत्वपूर्ण कदम समय के साथ बढ़ती महंगाई, जीवन यापन की बढ़ती लागत और आर्थिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए उठाया जाता है।8th Pay Commission
फिटमेंट फैक्टर का गणित
नए वेतन आयोग में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला तत्व फिटमेंट फैक्टर है। यह एक गुणांक है जो यह निर्धारित करता है कि विभिन्न स्तरों के कर्मचारियों के वेतन में कितनी वृद्धि होगी। विशेषज्ञों का अनुमान है कि 8वें वेतन आयोग में यह फैक्टर मौजूदा 1.92 से बढ़कर 2.86 हो सकता है। अगर सरकार 2.86 के फैक्टर को स्वीकार कर लेती है तो कर्मचारियों के वेतन में तीन गुना तक की बढ़ोतरी हो सकती है।8th Pay Commission
निम्न स्तर के कर्मचारी
पे लेवल 1 में आने वाले चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी, जिसमें चपरासी और अटेंडेंट शामिल हैं, उनका मौजूदा वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर करीब 51,480 रुपये प्रति माह हो सकता है। इस बढ़ोतरी से इन कर्मचारियों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
मध्यम स्तर के कर्मचारी
पे लेवल 2 के अंतर्गत आने वाले लोअर डिवीजन क्लर्क का वेतन 19,900 रुपये से बढ़कर 56,914 रुपये हो सकता है। वहीं, पे लेवल 3 में शामिल कांस्टेबल और कुशल कर्मचारियों का वेतन 21,700 रुपये से बढ़कर करीब 62,062 रुपये हो सकता है।
उच्च पदस्थ अधिकारी
पे लेवल 18 में आने वाले वरिष्ठ अधिकारियों को सबसे ज्यादा फायदा मिल सकता है। उनका वेतन मौजूदा 2.5 लाख रुपये से बढ़कर 7.15 लाख रुपये प्रति माह हो सकता है। यह बढ़ोतरी न केवल उनकी वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगी बल्कि उनके जीवन स्तर में भी उल्लेखनीय सुधार लाएगी।
न्यूनतम फिटमेंट फैक्टर की स्थिति में भी राहत
यदि सरकार अधिकतम फिटमेंट फैक्टर को लागू नहीं करती है और केवल 1.92 पर ही अटकी रहती है, तब भी कर्मचारियों को महत्वपूर्ण लाभ मिलेगा। इस स्थिति में न्यूनतम वेतन 18,000 रुपये से बढ़कर 34,560 रुपये प्रति माह हो जाएगा। हालांकि यह राशि इतनी अधिक नहीं लगती, लेकिन मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए यह भी बड़ी राहत साबित होगी।
पेंशनभोगियों के लिए अच्छी खबर
8वां वेतन आयोग न केवल सेवारत कर्मचारियों के लिए फायदेमंद होगा, बल्कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए भी यह खुशी की बात है। वर्तमान में मिलने वाली न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये बढ़कर करीब 25,740 रुपये प्रति माह हो सकती है। यह बढ़ोतरी बुजुर्गों के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि उनकी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतें और दैनिक खर्च लगातार बढ़ रहे हैं।
मूल वेतन में महंगाई भत्ते को शामिल करना
नए वेतन आयोग की एक और महत्वपूर्ण विशेषता यह हो सकती है कि महंगाई भत्ते (डीए) को मूल वेतन में शामिल किया गया है। वर्तमान में केंद्रीय कर्मचारियों को 55% महंगाई भत्ता मिल रहा है, जो 2026 तक 58-59% तक पहुंच सकता है। अगर इस डीए को मूल वेतन में जोड़ दिया जाए तो न केवल कर्मचारियों का मूल वेतन बढ़ेगा, बल्कि इसका सकारात्मक असर उनकी भावी पेंशन पर भी पड़ेगा।
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