उज्जैन के Mahakaleshwar Temple में लगी आग, 14 लोग झुलसे ?

UJJAIN MANDIR

छह साल पहले भी लगी थी आग, उस समय झुलसा था एक पुजारी

Mahakaleshwar Temple: पूरे देश में धुलंडी पर्व मनाया जा रहा है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में सोमवार को भस्म आरती के दौरान गर्भगृह में आग लग गई। आग अचानक इतनी हुई कि पुजारी समेत 14 लोग झुलस गए। घायलों में 9 को इंदौर रेफर किया गया है। डीसी नीरज सिंह ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

 

तेजी से भडकी आग: गर्भगृह में लगी चांदी की परत को रंग-गुलाल से बचाने के लिए फ्लैक्स लगाए गए थे। इसमें भी आग लग गई। कुछ लोगों ने फायर एक्सटिंग्विशर से आग पर काबू पर पाया। 6 साल पहले भी महाकाल मंदिर में होली पर इसी तरह की घटना हो चुकी है। तब एक पुजारी झुलस गए थे।

गुलाल डालने से हुआ हादसा: मंदिर में हजारों श्रद्धालु महाकाल के साथ होली मना रहे थे। घायल सेवक ने बताया कि आरती कर रहे पुजारी संजीव पर पीछे से किसी ने गुलाल डाला। गुलाल दीपक पर गिरा। अनुमान है कि गुलाल में कोई केमिकल ऐसा था, जिससे आग भड़क गई।

कल से प्रतिदिन होने वाली आरती का समय बदल जाएगा
आज धुलेंडी मनाई जा रही है। सुबह 4 बजे भस्म आरती में सबसे पहले महाकाल को रंग-गुलाल लगाया गया। 26 मार्च से महाकाल की प्रतिदिन होने वाली आरती का समय भी बदल जाएगा।

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डीसी ने दिए जांच के आदेश: उज्जैन कलेक्टर नीरज सिंह ने बताया कि घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक कमेटी बनाई गई है। कमेटी को तीन दिन में रिपोर्ट देने को कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उस पर कार्रवाई करेंगे। अचानक हुए हादसे से अफरा तफरी मच गई है।

 

Mahakaleshwar Temple: मध्य प्रदेश के शहर उज्जैन का नाम तो हर किसी ने सुना होगा। अपनी धार्मिक मान्यताओं के लिए मशहूर यह शहर पूरी दुनिया में दो चीजों के लिए सबसे ज्यादा जाना जाता है। पहला यहां स्थित बाबा महाकाल का मंदिर और दूसरा यहां होने वाला कुंभ।

 

प्राचीन नगरी उज्जैन में मौजूद महाकाल मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योर्तिलिंगों में से है। कालों के काल बाबा महाकाल के इस मंदिर के दर्शन करने दूर-दूर से हर साल लाखों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं। भगवान शिव के इस स्वरूप का वर्णन शिव पुराण में भी विस्तार से मिलता है।

 

पृथ्वी का केंद्र है उज्जैन Mahakaleshwar Temple

हम सभी ने बचपन से पढ़ा है कि हमारी पृथ्वी गोलाकार है, लेकिन जब भी बात इसके केंद्र बिंदु की आती है, तो लोग अक्सर सोच में पड़ जाते हैं। ऐसे में अगर हम आपसे यह कहे कि मध्य प्रदेश का शहर उज्जैन ही पृथ्वी का केंद्र बिंदु है, तो क्या आप इस पर यकीन करेंगे। दरअसल, ऐसा हम नहीं बल्कि खुद खगोल शास्त्री मानते हैं। खगोल शास्त्रियों के मुताबिक मध्य प्रदेश का यह प्राचीन शहर धरती और आकाश के बीच में स्थित है।