EPFO: कर्मचारी पेंशन योजना क्या है? हायर पैंशन के लिए क्या करना होगा, जानिए आपके हर सवाल का जवाब
EPFO के सभी योग्य सदस्य अपनी उम्र के मुताबिक पेंशन का लाभ तब से उठा सकते हैं जब वे पेंशन निकालना शुरू करते हैं। पेंशन राशि अलग- अलग मामलों में अलग-अलग होती है।

EPFO: आजकल EPFO में हायर पेंशन के लिए कागजात अपडेट किए जा रहे है। जो लोग इस पेंशन का लाभ लेना चाह रहे है उनकी ओर से उनके खाते को अपडेट किया जा रहा है। इतना नहीं EPFO की ओर मांगी गई राशि भी जमा करवाई जा रही है।
हालाकि हायर पैंशन लेने वालो की संख्या ने के बराबर ही है। जिसका कारण विभाग की ओर पेंशन की सही गणना व पूरी जानकारी नहीं देना माना जा रहा है।
अगर आप भी किसी संस्थान में कार्यरत है तथा ईपीएफ धारक है तो यह लेख आपको लिए बहुत लाभदायका होगा। इसे लेख में आपके सारे सवालोंं का जबाब मिल जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने चार नवंबर 2022 को अपने एक फैसलों में कर्मचारियों को हायर सैलरी पर पेंशन देने का विकल्प देने को कहा था। उसकी के बाद EPFO ने यह सारा प्रोसेस शुरू किया था।
नया पेंशन नियम क्या है?
भारत सरकार द्वारा सभी नागरिकों के लिए नई पेंशन योजना (एनपीएस) शुरू की गई है, इसे हमारे पेंशन फंड के नियामक के रूप में पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) द्वारा संचालित किया जाता है. एक बार अभिदाता(ओं) की आयु 60 वर्ष पूरी हो जाने के पश्चात्, वृद्धावस्था में पेंशन के रूप में आय सुरक्षित करता है
संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) |
---|---|
अधीनस्थ | कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) |
शुरुआत वर्ष | 1995 |
लक्ष्य समूह | संगठित क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी |
अंशदान | 12% |
न्यूनतम सेवा अवधि | 10 वर्ष |
लाभ | सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को निश्चित मासिक पेंशन |
कर्मचारी पेंशन योजना क्या है?
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद स्थिर आय प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था। यह एक सामाजिक सुरक्षा योजना है, जो केवल संगठित क्षेत्र में कम से कम 10 वर्ष तक काम करने वाले कर्मचारियों को प्रदान की जाती है।
नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) खाते में 12% का योगदान करते हैं, जिसमें से नियोक्ता का 8.33% हिस्सा कर्मचारी की EPS में जाता है और शेष 3.67% कर्मचारी के EPF खाते में जमा होता है।
EPFO प्रमुख विशेषताएँ
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) को EPFO के तहत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद की वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- निश्चित रिटर्न: EPS सेवानिवृत्त कर्मचारियों को निश्चित मासिक आय की गारंटी देता है, जिससे वे सेवानिवृत्ति के बाद बिना किसी वित्तीय चिंता के जीवन व्यतीत कर सकें।
- न्यूनतम पेंशन राशि: कर्मचारियों को न्यूनतम ₹1000 मासिक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार है।
- पेंशन स्थानांतरण: यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनके जीवनसाथी को उनकी पूरी पेंशन जीवनभर मिलेगी। इसके बाद, उनके बच्चों को 25 वर्ष की आयु तक पेंशन प्राप्त करने का अधिकार होगा।
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन लाभ
EPFO के सभी योग्य सदस्य अपनी उम्र के मुताबिक पेंशन का लाभ तब से उठा सकते हैं जब वे पेंशन निकालना शुरू करते हैं। पेंशन राशि अलग- अलग मामलों में अलग-अलग होती है।
1) 58 साल की आयु में रिटायर होने पर पेंशन
कोई सदस्य 58 वर्ष की आयु में रिटायर होने के बाद पेंशन लाभ लेना शुरू कर सकता है। हालांकि, 58 वर्ष की उम्र का होने तक सदस्य ने 10 साल नौकरी की हो। एक EPS स्कीम सर्टिफिकेट जारी किया जाता है जिसका इस्तेमाल मासिक पेंशन निकालने के लिए जमा किये जाने वाले फॉर्म 10 D भरने के लिए किया जा सकता है।
2) मासिक पेंशन के लिए योग्य होने से पहले नौकरी छोड़ने पर पेंशन
यदि कोई सदस्य 58 साल की उम्र से पहले 10 वर्षों तक नौकरी नहीं कर पाता है, तो वह 58 वर्ष की आयु में फॉर्म 10C भरकर पूरी राशि निकाल सकता है। ध्यान रहें कि रिटायरमेंट के बाद उन्हें मासिक पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा।
3) नौकरी करने के दौरान पूरी तरह से विकलांग होने पर पेंशन
यदि EPFO का कोई भी सदस्य पूरी तरह विकलांग हो जाता है और उसने पेंशन योग्य सेवा अवधि भी पूरी नहीं की है, तब भी वह मासिक पेंशन का हकदार है। पेंशन के लिए योग्य होने के लिए उसके नियोक्ता/ कंपनी को कम से कम एक महीने के लिए उसके EPS अकाउंट में पैसे जमा करने होंगे।
कर्मचारी विकलांग होने की तारीख से मासिक पेंशन प्राप्त करने के लिए योग्य हो जाता है और ज़िंदगीभर के लिए उसे पेंशन मिलती है। हालांकि, यह चेक करने के लिए कि सदस्य वह नौकरी नहीं कर सकता है जो वह विकलांग होने से पहले कर रहा था, उस कर्मचारी का मेडिकल टेस्ट हो सकता है।
4) कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार के लिए पेंशन
कर्मचारी का परिवार निम्नलिखित मामलों में पेंशन लाभ प्राप्त कर सकता है:
- नौकरी करते हुए कर्मचारी की मृत्यु होने पर और नियोक्ता/ कंपनी द्वारा कम से कम एक महीने उस कर्मचारी के EPS अकाउंट में पैसे जमा हो
- अगर कर्मचारी ने 10 साल नौकरी कर ली है, पर 58 वर्ष की उम्र होने से पहले ही उसकी मौत हो जाती है
- मासिक पेंशन शुरू होने के बाद कर्मचारी के मृत्यु के मामले में
कर्मचारी पेंशन योजना के लिए पात्रता मानदंड
इच्छुक व्यक्तियों को पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि वे पात्रता मानदंडों को पूरा करते हैं। कर्मचारी पेंशन योजना के लिए पात्रता मानदंड निम्नलिखित हैं:
- कर्मचारी को EPFO का सदस्य होना चाहिए।
- कर्मचारी को संगठित क्षेत्र में कम से कम 10 वर्षों की सेवा पूरी करनी चाहिए।
- कर्मचारी की आयु 58 वर्ष होनी चाहिए। हालांकि, कर्मचारी 50 वर्ष की आयु से ही EPS से 4% की कटौती के साथ निधि निकाल सकते हैं, जो हर वर्ष 58 वर्ष की आयु तक पहुँचने तक लागू होगी।
- कर्मचारी 2 वर्ष और प्रतीक्षा करने का विकल्प भी चुन सकते हैं और 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद EPS का लाभ अतिरिक्त 4% प्रति वर्ष की दर से उठा सकते हैं।
EPS के तहत पेंशन की गणना कैसे की जाएगी?
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) के तहत पेंशन की गणना पेंशनयोग्य वेतन और पेंशनयोग्य सेवा के आधार पर की जाती है। कर्मचारी की पेंशन की गणना के लिए निम्नलिखित सूत्र का उपयोग किया जाता है:
पेंशन योग्यता वेतन × पेंशनयोग्य सेवा / 70
जहाँ,
- पेंशनयोग्य वेतन: सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 60 महीनों में कर्मचारी द्वारा प्राप्त औसत मासिक वेतन को पेंशनयोग्य वेतन माना जाता है। यदि इस अवधि में कोई गैर-अंशदायी (Non-contributory) समय रहा हो, तो उन दिनों को गणना में शामिल नहीं किया जाएगा, और लाभ को आगे बढ़ा दिया जाएगा।
- पेंशनयोग्य सेवा: कर्मचारी द्वारा प्रदान की गई कुल सेवा अवधि को पेंशनयोग्य सेवा कहा जाता है। इसमें सभी नियोक्ताओं के तहत पूरी गई कुल सेवा अवधि को जोड़ा जाता है। कर्मचारी को जब भी नौकरी बदलनी हो, तो उन्हें अपने नियोक्ता को EPS प्रमाणपत्र जमा करना आवश्यक होता है।
- पेंशनयोग्य सेवा की गणना: इसे 6-महीने के आधार पर किया जाता है। इसके अलावा, यदि कोई कर्मचारी 20 वर्ष की सेवा पूरी कर लेता है, तो उसे अतिरिक्त 2 वर्ष का बोनस प्रदान किया जाता है।
कर्मचारी पेंशन योजना के तहत पेंशन के प्रकार
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) में कई प्रकार की पेंशन शामिल हैं। प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
पेंशन का प्रकार | विवरण |
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विधवा पेंशन | यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है, तो उनकी विधवा को जीवनभर पेंशन प्राप्त होगी, जब तक कि वह पुनर्विवाह न कर ले। |
बाल पेंशन | यदि पेंशनधारी और उनकी विधवा दोनों की मृत्यु हो जाती है, तो उनके अधिकतम दो बच्चों को विधवा पेंशन का 25% तब तक मिलेगा, जब तक वे 25 वर्ष की आयु तक नहीं पहुँच जाते। |
अनाथ पेंशन | यदि पेंशनधारी की मृत्यु हो जाती है और उसकी कोई विधवा नहीं है, तो उनके अधिकतम दो बच्चों को विधवा पेंशन का 75% मासिक अनाथ पेंशन के रूप में मिलेगा। |
घटाई गई पेंशन | कर्मचारी 50 वर्ष की आयु से ही EPS से धन निकालने का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन 58 वर्ष की आयु तक पहुँचने तक उनकी पेंशन राशि हर वर्ष 4% कम हो जाएगी। |
पेंशन फॉर्म्स
कर्मचारियों को कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ पेंशन फॉर्म भरने होते हैं। आवश्यक फॉर्म निम्नलिखित हैं:
पेंशन फॉर्म | किसके लिए | उद्देश्य |
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फॉर्म 10C | सदस्य | 10 वर्ष की सेवा पूरी करने से पहले EPS प्रमाणपत्र के माध्यम से EPS से धन निकालने के लिए |
फॉर्म 10D | सदस्य | 50 वर्ष की आयु के बाद EPS से धन निकालने के लिए |
जीवन प्रमाण पत्र | पेंशनधारी/अभिभावक | यह फॉर्म पेंशनधारी द्वारा यह प्रमाणित करने के लिए जमा किया जाता है कि वे जीवित हैं ताकि उन्हें हर महीने पेंशन मिलती रहे। |
पुनर्विवाह न करने का प्रमाण पत्र | विधवा/विधुर | यदि पेंशनधारी की विधवा/विधुर पुनर्विवाह करते हैं, तो उन्हें यह प्रमाण पत्र जमा करना होता है। |
EPS राशि कैसे चेक करें?
EPS सदस्य अपनी कुल EPS राशि को अपने EPF पासबुक के माध्यम से देख सकते हैं। पासबुक के अंतिम कॉलम की जाँच करें, जहाँ कुल EPS योगदान का विवरण दिया गया होता है।
EPS पासबुक को देखने के लिए, कर्मचारी को EPF पासबुक पोर्टल पर जाकर अपना UAN नंबर और पासवर्ड दर्ज करना होगा।
EPS खाते से निकासी कैसे करें?
तकनीकी सहायता के माध्यम से निकासी की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। कर्मचारी निम्नलिखित सरल चरणों का पालन करके EPS खाते से धन निकाल सकते हैं:
चरण 1: EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
चरण 2: वेबपेज के दाईं ओर UAN नंबर और पासवर्ड दर्ज करके लॉग इन करें।
चरण 3: ‘Online Services Tab’ पर क्लिक करें और संबंधित दावा फॉर्म (Claim Form) चुनें।
चरण 4: अपने PF खाते से जुड़े बैंक खाता नंबर को भरें और ‘Verify’ पर क्लिक करें। इसके बाद, अंडरटेकिंग प्रमाणपत्र को स्वीकार करने के लिए ‘Yes’ चुनें।
चरण 5: सभी विवरण भरने के बाद, स्क्रीन पर “I want to apply for” का विकल्प दिखाई देगा।
चरण 6: “Only PF Withdrawal (Form 19)” विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 7: मोबाइल नंबर, आधार कार्ड और स्थायी पता जैसे आवश्यक विवरण भरें।
चरण 8: निकासी अनुरोध सबमिट हो जाएगा, और आपको संदर्भ संख्या (Reference Number) प्राप्त होगी। आमतौर पर, राशि 2-3 सप्ताहके भीतर क्रेडिट कर दी जाती है।
अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो EPS का क्या होता है?
यदि कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है, तो उनके EPF खाते की राशि नए सदस्य आईडी (Member ID) में स्थानांतरित कर दी जाती है, लेकिन EPS (पेंशन राशि) स्थानांतरित नहीं होती और यह पुराने सदस्य आईडी में बनी रहती है।
इस अलगाव (Segregation) से प्राधिकरणों और कर्मचारियों को विभिन्न पासबुकों में सेवा वर्षों और EPS राशि का ट्रैक रखने में मदद मिलती है।
कर्मचारी पेंशन योजना (EPS) से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें
EPS में आवेदन करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी को समझना आवश्यक है। आइए इन पर एक नज़र डालें:
- केवल नियोक्ता (Employer) द्वारा योगदान किया जाता है।
- नियोक्ता और कर्मचारी, दोनों 12% योगदान करते हैं, जिसमें से 8.33% EPS में और शेष 3.67% EPF खाते में जाता है।
- कर्मचारी का वेतन मूल वेतन (Basic Pay), महंगाई भत्ता (DA), रिटेनिंग अलाउंस और भोजन भत्ते को शामिल करता है।
- नियोक्ताओं को हर महीने की समाप्ति के 15 दिनों के भीतर EPS योगदान करना आवश्यक होता है।
- सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष है और न्यूनतम 10 वर्ष की सेवा आवश्यक है।
संबंधित प्रश्न (FAQs):
प्रश्न. मुझे ईपीएस अकाउंट नंबर कहां से मिल सकता है?
उत्तर: ईपीएफ अकाउंट की मेंबर आईडी ईपीएस अकाउंट की आईडी के रूप में भी कार्य करती है। आपका ईपीएफ तथा ईपीएस योगदान एक ही मेंबर आईडी के तहत जमा किए जाते हैं।
प्रश्न. EPS ऑनलाइन ट्रान्सफर कैसे करें?
उत्तर: EPS का ऑनलाइन ट्रान्सफर कंपोजिट क्लेम फॉर्म द्वारा किया जा सकता है। सदस्य को EPF सदस्य पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा और नौकरी बदलने पर EPF ट्रान्सफर के लिए आवेदन करना होगा। EPF और EPS खाते को नए खाते में ट्रान्सफर कर दिया जाएगा।
प्रश्न. ईपीएफ पासबुक में पेंशन योगदान क्या है?
उत्तर: ईपीएफ पासबुक (EPS Passbook) में पेंशन योगदान कंपनी/ नियोक्ता के द्वारा हर महीने कर्मचारी के ईपीएस अकाउंट में जमा की जाने वाली राशि है। यह हर महीने लगभग 1250 रु. होती हैI
प्रश्न. मेरे पिता की मृत्यु के बाद, मेरी मां को हर महीने विधवा पेंशन मिलती है। क्या मैं भी किसी प्रकार की पेंशन प्राप्त कर सकता हूं?
उत्तर: अगर कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है, तो उनकी विधवा पत्नी को ईपीएस विधवा पेंशन मिलेगी ही, साथ ही कर्मचारी के जीवित बच्चे भी हर महीने बाल पेंशन का लाभ ले सकते हैं। अधिकतम दो बच्चे 24 वर्ष की उम्र तक, हर महीने विधवा पेंशन का 25% बाल पेंशन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।
प्रश्न. मेरे माता-पिता दोनों का निधन हो गया है। क्या मैं मासिक पेंशन का हकदार हूं?
उत्तर: जितनी पेंशन राशि का भुगतान आपके माता-पिता को किया गया होगा, उसकी 75 प्रतिशत पेंशन राशि आपको अनाथ पेंशन के रूप में मिलेगीI
प्रश्न. मेरी पेंशन राशि ट्रान्सफर होने के बाद दिखाई नहीं दे रही है, लेकिन EPF पासबुक में ईपीएफ ट्रांसफर राशि दिखाई दे रही है। क्या मेरे EPS को भी ट्रान्सफर कर दिया गया है?
उत्तर: ट्रांसफर के लिए आवेदन करने पर पेंशन राशि को EPF फंड के साथ नए अकाउंट में भी ट्रांसफर किया जाता है। पासबुक में राशि ज़ीरो नज़र आती है, लेकिन EPF ऑफिस के डेटाबेस में इसकी जानकारी मिलती है।
प्रश्न. EPS नॉमिनेशन क्या है? क्या मैं अपना EPS नॉमिनेशन बदल सकता हूँ?
उत्तर: EPS नॉमिनेशन में वह व्यक्ति जो EPS अकाउंट होल्डर की मृत्यु होने पर EPF पेंशन अकाउंट से आय प्राप्त करेगा। हां, नियमों के अनुसार आप अपना नॉमिनेशन बदल सकते है। इसका मतलब यह है कि नॉमिनेशन व्यक्ति कर्मचारी के परिवार का सदस्य होना चाहिए। हालाँकि, यदि कर्मचारी का कोई परिवार नहीं है, तो वह अपनी इच्छा के अनुसार किसी और को नॉमिनेशन में रख सकता है।