Delhi News: दिल्ली-एनसीआर में मौसम और हवा की गति के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी लगातार बदल रहा है। शुक्रवार को जहाँ एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 153 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज किया गया था, वहीं शनिवार को जारी बुलेटिन में इसका औसत बढ़कर 253 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पहुँच गया। हालांकि, यह स्तर दो दिन पहले की तुलना में कुछ कम है, लेकिन फिर भी हवा “खराब श्रेणी” में बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, हवा की गति कम होने और नमी बढ़ने से प्रदूषक कण वातावरण में फँसे रह जाते हैं, जिससे लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है।
दिल्ली की सीमाओं — टीकरी बॉर्डर और झरोदा बॉर्डर — पर उड़ती धूल लोगों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। यहाँ की सड़कें लंबे समय से टूटी और गड्ढों से भरी हुई हैं, जिन्हें महीनों से साफ नहीं किया गया है। सड़कों पर महीन रेत की परत जम चुकी है, जिससे हल्की हवा या वाहन गुजरने पर धूल उड़ने लगती है। वर्तमान में टीकरी बॉर्डर पर नाले की खुदाई और मरम्मत का काम चल रहा है, जिसके कारण और ज्यादा गंदगी फैल रही है। इस इलाके में राहगीरों और स्थानीय लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि किसान आंदोलन के बाद यहाँ कोई स्थायी सफाई या मरम्मत का कार्य नहीं किया गया। हाल ही में सरकार बदलने के बाद सड़क पैचिंग का काम शुरू तो हुआ, लेकिन अब वह भी अधूरा छोड़ दिया गया है।
हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) ने हाल ही में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI), हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (HUDA) और नगर परिषद को नोटिस जारी किया था। इसके बाद कुछ इलाकों में पानी का छिड़काव और सड़क सफाई का कार्य शुरू किया गया। लेकिन यह काम सिर्फ चुनिंदा स्थानों पर ही किया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि टीकरी बॉर्डर से सेक्टर-9 मोड़ तक किसी भी तरह का पानी का छिड़काव नहीं हुआ है। धूल और मिट्टी की वजह से गाड़ियों की रफ्तार धीमी हो गई है और वातावरण में धुंध की परत छाई रहती है। लोगों का कहना है कि जब तक पूरे क्षेत्र में नियमित सफाई और निर्माण कार्य नियंत्रित नहीं किया जाता, तब तक प्रदूषण से राहत संभव नहीं है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, पिछले छह दिनों में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के स्तर में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है।
- 27 अक्टूबर: 387 PM10
- 28 अक्टूबर: 347 PM2.5
- 29 अक्टूबर: 269 PM2.5
- 30 अक्टूबर: 344 PM2.5
- 31 अक्टूबर: 153 PM2.5
- 1 नवंबर: 253 PM2.5
यह आँकड़े बताते हैं कि मौसम में हल्के बदलाव और हवा की गति बढ़ने से अस्थायी सुधार तो हुआ, लेकिन जैसे ही हवा फिर धीमी हुई, प्रदूषण का स्तर 100 अंकों से अधिक बढ़ गया। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले दिनों में अगर बारिश या तेज हवा नहीं चली, तो हवा की गुणवत्ता और बिगड़ सकती है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे मास्क पहनकर बाहर निकलें, सुबह की सैर से बचें, और बच्चों व बुजुर्गों को प्रदूषित वातावरण से दूर रखें।

















