Delhi AQI Today: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्थिति से भी आगे निकल गया है। गुरुवार (20 नवंबर) को दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 535 दर्ज किया गया, जो सीधे तौर पर ‘हाजर्डस’ यानी बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। इसका मतलब है कि हवा इतनी जहरीली हो चुकी है कि यह तुरंत स्वास्थ्य पर असर डाल सकती है। राजधानी में PM2.5 का स्तर 343 और PM10 का स्तर 464 तक पहुँच गया, जो कि सामान्य सीमा से कई गुना अधिक है। यह स्थिति तब है जब दिल्ली में पहले से ही GRAP-4 लागू है, जिसके तहत कड़े एंटी-पॉल्यूशन उपाय किए जाते हैं। इसके बावजूद हवा में सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे।
राजधानी और एनसीआर के इलाकों में सुबह और शाम का समय सबसे ज्यादा परेशानी भरा साबित हो रहा है। कम तापमान और धीमी हवा की वजह से प्रदूषण के कण ऊपर नहीं उठ पा रहे और जमीन के करीब ही जमा हो रहे हैं। इसके कारण आसपास धुंध जैसा माहौल बन जाता है। भारीपन महसूस होना, आंखों में जलन, गले में खराश और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएँ आम हो गई हैं। कई इलाकों में यह स्थिति इतनी खराब हो गई कि लोग कुछ मीटर की दूरी तक भी साफ़ नहीं देख पाए। दृश्यता कम होने से सड़क पर चलना, गाड़ी चलाना और रोज़मर्रा की आवाजाही बेहद मुश्किल होती जा रही है।
जहाँ हवा ज़हरीली है, वहीं मौसम भी लगातार करवट बदल रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को हल्का से मध्यम कोहरा रहने की संभावना है, जिससे दृश्यता और कम हो सकती है। आज न्यूनतम तापमान लगभग 11 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है। इससे पहले बुधवार को न्यूनतम तापमान 10.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, जो सामान्य से कम था, जबकि अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री दर्ज किया गया था। तापमान में गिरावट होने से प्रदूषक तत्व हवा में अधिक देर तक टिके रहते हैं, जिससे प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ती जा रही है।
डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी हवा सबसे ज्यादा खतरनाक बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं के लिए है। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि लोग आवश्यकता होने पर ही बाहर निकलें और बाहर जाते समय अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क पहनें। आंखों की सुरक्षा भी आवश्यक है, क्योंकि प्रदूषण के कारण उनमें जलन और संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। अधिक से अधिक समय घर में रहने, भरपूर पानी पीने और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने पर जोर दिया जा रहा है। सरकार द्वारा कई कदम उठाए जाने के बावजूद फिलहाल हवा में किसी तरह के सुधार का कोई संकेत नहीं दिख रहा, जिससे लोगों की चिंता लगातार बढ़ती जा रही है।

















