VIP Numbers: शानदार गाड़ियों से ज्यादा यहां के लोगों को उनके नंबर की चिंता है। यूटी चंडीगढ़ में फैंसी और वीआईपी वाहन नंबरों के प्रति लोगों का ऐसा जुनून है कि वे रजिस्ट्रेशन नंबर के लिए गाड़ी की कीमत से भी ज्यादा बोली लगाने को तैयार हैं। ताज़ा मामला चंडीगढ़ के पंजीकरण एवं लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा आयोजित ई-नीलामी का है, जिसने एक बार फिर इस रुझान को उजागर कर दिया है।
आरएलए सचिव प्रद्युमन सिंह ने जानकारी दी कि चंडीगढ़ प्रशासन ने 18 मई से 20 मई 2025 तक नई सीरीज़ “सीएच01-सीजेड” की फैंसी और चॉइस नंबरों की ई-नीलामी आयोजित की थी। इस नीलामी में न केवल नई सीरीज़ के नंबर शामिल थे, बल्कि पिछली सीरीज़ के बचे हुए विशेष नंबर भी नीलाम किए गए। इस तीन दिवसीय प्रक्रिया में कुल ₹2.94 करोड़ से अधिक का राजस्व चंडीगढ़ प्रशासन को प्राप्त हुआ।
सबसे महंगा नंबर: 31 लाख में बिका “सीएच01-सीजेड-0001”
इस नीलामी में सबसे महंगा नंबर “सीएच01-सीजेड-0001” रहा, जिसे एक बोलीदाता ने ₹31 लाख की रिकॉर्ड कीमत पर खरीदा। यह एक बार फिर साबित करता है कि “0001” नंबर की मांग कितनी जबरदस्त है। यह बोली वाहन की वास्तविक कीमत से भी कहीं अधिक थी।
“0007” नंबर भी रहा आकर्षण का केंद्र
इसके बाद सबसे ज्यादा बोली जिस नंबर के लिए लगी, वह था “सीएच01-सीजेड-0007”। इसे ₹13.60 लाख में खरीदा गया। फिल्मों और जेम्स बॉन्ड के प्रसिद्ध “007” को देखते हुए इस नंबर की लोकप्रियता समझी जा सकती है।
छोटे नंबर, बड़ी कीमत
अन्य फैंसी नंबरों की बात करें तो “0005”, “0009”, “0786”, “1111”, “9999” जैसे नंबरों के लिए भी लाखों में बोली लगी। चंडीगढ़ के लोग फैंसी नंबर को न केवल स्टेटस सिंबल मानते हैं, बल्कि इसे भाग्य से भी जोड़कर देखते हैं।
प्रशासन को बड़ा राजस्व
आरएलए सचिव प्रद्युमन सिंह ने बताया कि इस नीलामी से न केवल नागरिकों की पसंद को पूरा किया गया, बल्कि प्रशासन को ₹2.94 करोड़ का भारी राजस्व भी प्राप्त हुआ है, जो स्मार्ट सिटी के तहत नागरिक सेवाओं के विकास में उपयोग किया जाएगा।
क्यों बढ़ रहा है फैंसी नंबरों का क्रेज?
विशेषज्ञों के अनुसार फैंसी नंबर अब केवल वाहन पंजीकरण संख्या नहीं रहे, बल्कि यह व्यक्ति की पहचान, वैभव और कभी-कभी धार्मिक आस्था का प्रतीक बन चुके हैं। कई लोग अंक ज्योतिष और वास्तु के अनुसार भी नंबर पसंद करते हैं।
फैंसी नंबरों के प्रति चंडीगढ़वासियों का जुनून हर साल नए रिकॉर्ड बना रहा है। “सीएच01-सीजेड” सीरीज़ की नीलामी इसका ताजा उदाहरण है। यह न केवल आम जनता के मनोविज्ञान को दर्शाता है, बल्कि प्रशासन के लिए आय का मजबूत स्रोत भी बन चुका है।

















