Chandigarh Farmers Protest: 2000 पुलिस जवान तैनात, हाईवे जाम, किसानों का ट्रैक्टर मार्च
Chandigarh Farmers Protest के कारण शहर में भारी सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को पूरा करवाने तक संघर्ष जारी रखेंगे।

Chandigarh Farmers Protest: पंजाब के किसानों (Punjab Farmers) ने एक बार फिर अपने हक के लिए सड़क पर उतरकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बुधवार को चंडीगढ़ (Chandigarh Farmers Protest) में किसानों का बड़ा प्रदर्शन होने जा रहा है, जिसमें हजारों किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों के साथ पहुंच रहे हैं। हालात को देखते हुए प्रशासन ने चंडीगढ़ बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है।
2000 पुलिस जवान तैनात, हाईवे जाम
चंडीगढ़ पुलिस ने सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर के 18 प्रमुख एंट्री प्वाइंट्स को सील कर दिया है। इन प्वाइंट्स पर करीब 2000 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, चंडीगढ़-दिल्ली नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया है, जिससे आम जनता को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुलिस बैरिकेडिंग की वजह से जीरकपुर और मोहाली की ओर से आने वाले वाहनों की जांच की जा रही है, जिससे रोज़मर्रा के कामकाज पर असर पड़ रहा है।
कई किसान नेताओं को हिरासत में लिया गया
Chandigarh Farmers Protest, किसान आंदोलन को रोकने के लिए पंजाब पुलिस ने मंगलवार तड़के कई किसान नेताओं के घरों पर छापेमारी की और कई नेताओं को हिरासत में ले लिया। यह कार्रवाई संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 5 मार्च को चंडीगढ़ में होने वाले प्रदर्शन से पहले की गई। किसान संगठनों का आरोप है कि सरकार उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है।
पंजाब सरकार से बातचीत विफल, किसानों में रोष
किसान संगठनों और पंजाब सरकार के बीच सोमवार को हुई बैठक सफल नहीं रही। किसान नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बातचीत के दौरान उनकी मांगों को अनसुना कर दिया और बैठक को बीच में ही छोड़ दिया। इस पर सरकार ने कहा कि जनता को असुविधा से बचाने के लिए सख्त कदम उठाने जरूरी थे। मुख्यमंत्री मान ने किसानों पर “पंजाब को धरनों का राज्य बनाने” और “समानांतर सरकार चलाने” का आरोप लगाया।
शंभू बॉर्डर पर डटे किसान
कई किसान संगठन पिछले साल से पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। वे MSP (Minimum Support Price) की कानूनी गारंटी समेत कई मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। पुलिस ने बीकेयू (एकता उगराहां), बीकेयू (राजेवाल), कीर्ति किसान यूनियन जैसे संगठनों के कई नेताओं को हिरासत में लिया। इस गिरफ्तारी का कई इलाकों में कड़ा विरोध हुआ और पुलिस स्टेशनों का घेराव भी किया गया।
सीएम मान पर तानाशाही का आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने पंजाब सरकार की इस कार्रवाई को तानाशाही कदम करार दिया है। SKM ने सभी किसानों से आह्वान किया कि वे गांव-गांव में अभियान चलाकर सरकार के किसान विरोधी रवैये को उजागर करें। विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस, भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि सरकार लोकतांत्रिक प्रदर्शन को दबाने की कोशिश कर रही है।
Chandigarh Farmers Protest के कारण शहर में भारी सुरक्षा व्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। किसानों का कहना है कि वे अपनी मांगों को पूरा करवाने तक संघर्ष जारी रखेंगे। प्रशासन और किसान संगठनों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है, और आने वाले दिनों में आंदोलन और तेज हो सकता है।