CBSE Board 10th Science Exam: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा कक्षा 10वीं और 12वीं की वार्षिक परीक्षाएं इस समय चल रही हैं। इसी कड़ी में आज, 20 फरवरी 2025, को कक्षा 10वीं के महत्वपूर्ण विषय विज्ञान (Science) का पेपर आयोजित किया गया। परीक्षा दोपहर 1:30 बजे तक चली। जैसे ही परीक्षा समाप्त हुई, छात्रों की ओर से पेपर के स्तर को लेकर प्रतिक्रियाएं आने लगीं।
छात्रों और शिक्षकों की राय के अनुसार, पेपर न ज्यादा कठिन था, न ज्यादा आसान। कुछ प्रश्न थोड़े मुश्किल थे, लेकिन कुल मिलाकर परीक्षा संतोषजनक रही। आइए जानते हैं, CBSE कक्षा 10वीं के विज्ञान के पेपर से जुड़े सभी महत्वपूर्ण अपडेट्स।
कैसा रहा कक्षा 10वीं का विज्ञान का पेपर?
कक्षा 10वीं के विज्ञान के पेपर के बारे में छात्रों ने मिली-जुली प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ छात्रों को यह आसान लगा, तो कुछ को कुछ सेक्शन थोड़े कठिन लगे।
- फिजिक्स (भौतिकी) सेक्शन: इस सेक्शन में पूछे गए प्रश्नों में से कुछ कांसेप्ट-आधारित थे, जिनमें छात्रों को सोचना पड़ा। हालांकि, वे NCERT की किताब पर आधारित थे, इसलिए तैयारी करने वाले छात्रों को अधिक परेशानी नहीं हुई।
- केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) सेक्शन: यह भाग तुलनात्मक रूप से आसान था। रासायनिक समीकरणों और सूत्रों से जुड़े प्रश्न सीधे और हल करने योग्य थे।
- बायोलॉजी (जीवविज्ञान) सेक्शन: कुछ छात्रों ने जीव विज्ञान के कुछ प्रश्नों को थोड़ा कठिन बताया, विशेष रूप से अनुवांशिकता और जैव विविधता से जुड़े प्रश्न।
- दीर्घ उत्तरीय प्रश्न: इन प्रश्नों में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए विस्तृत उत्तर देना आवश्यक था। छात्रों को अपनी अवधारणाओं को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करना पड़ा।
ऑब्जेक्टिव और MCQs: पेपर में मल्टीपल चॉइस प्रश्न (MCQs) भी शामिल थे, जो हल करने में तुलनात्मक रूप से आसान थे।
कुल मिलाकर, पेपर न ज्यादा कठिन था और न ही ज्यादा आसान। NCERT की किताब से पढ़ने वाले छात्रों को कोई विशेष परेशानी नहीं हुई।
CBSE 10वीं विज्ञान परीक्षा में पास होने के लिए कितने अंक जरूरी?
CBSE बोर्ड परीक्षा में पास होने के लिए छात्रों को 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है। यदि किसी छात्र के अंक इससे कम आते हैं, तो उसे पास नहीं माना जाएगा। हालांकि, कम अंक आने पर छात्रों को कम्पार्टमेंट परीक्षा देने का मौका भी मिलेगा।
CBSE बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं मार्च 2025 में समाप्त होंगी। अंतिम परीक्षा 18 मार्च 2025 को आयोजित होगी, जिसमें कंप्यूटर एप्लीकेशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और अन्य विषयों के पेपर होंगे।
आज 12वीं कक्षा के इन विषयों की परीक्षा, कल होगा फिजिक्स का पेपर
- आज (20 फरवरी 2025) को कक्षा 12वीं के छात्रों के लिए ‘टाइपोग्राफी और कंप्यूटर एप्लीकेशन’ का पेपर आयोजित किया गया है।
- कल (21 फरवरी 2025) को 12वीं कक्षा के विज्ञान संकाय के छात्रों के लिए ‘फिजिक्स’ का पेपर होगा। यह परीक्षा विज्ञान के छात्रों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि फिजिक्स मुख्य विषयों में से एक है और इसके अंक इंजीनियरिंग तथा मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में भी काम आते हैं।
अब साल में दो बार होगी CBSE बोर्ड परीक्षा
हाल ही में CBSE बोर्ड की एक उच्च-स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में बोर्ड परीक्षाओं को साल में दो बार आयोजित करने पर चर्चा हुई।
- शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के लिए बिना तनाव वाला अध्ययन वातावरण तैयार करना सरकार की प्राथमिकता है।
- नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत बोर्ड परीक्षा प्रणाली में बदलाव किए जा रहे हैं। अब छात्रों को साल में दो बार बोर्ड परीक्षा देने का विकल्प मिलेगा, ताकि वे तनावमुक्त होकर परीक्षा की तैयारी कर सकें और उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने का मौका मिले।
- इसके अलावा, बैठक में विदेशी छात्रों के लिए ‘ग्लोबल करिकुलम‘ शुरू करने की योजना पर भी चर्चा हुई।
बोर्ड परीक्षा दो बार होने के क्या होंगे फायदे?
- कम तनाव: छात्रों को परीक्षा की चिंता कम होगी, क्योंकि यदि वे पहली बार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए, तो दूसरी बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा।
- बेहतर प्रदर्शन का अवसर: जिन छात्रों को पहले प्रयास में अच्छे अंक नहीं मिलते, वे दोबारा परीक्षा देकर अपने अंकों में सुधार कर सकते हैं।
- सीखने की नई प्रक्रिया: इससे छात्रों का पढ़ाई के प्रति नजरिया बदलेगा और वे ज्ञान अर्जित करने पर अधिक ध्यान देंगे, बजाय केवल परीक्षा में अंक लाने के।
- विदेशी छात्रों के लिए अनुकूलता: ग्लोबल करिकुलम लागू होने से विदेशी छात्र भी भारतीय शिक्षा प्रणाली से लाभान्वित होंगे।
CBSE कक्षा 10वीं के विज्ञान का पेपर मध्यम स्तर का रहा। कुछ सवाल कठिन थे, लेकिन NCERT पर आधारित थे, इसलिए जिन छात्रों ने सही तरीके से पढ़ाई की थी, उन्हें कोई विशेष दिक्कत नहीं हुई।
इसके अलावा, CBSE बोर्ड साल में दो बार परीक्षा आयोजित करने की योजना बना रहा है, जिससे छात्रों पर पढ़ाई का दबाव कम होगा। शिक्षा मंत्रालय का यह कदम छात्रों के हित में उठाया गया है।

















