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Breaking News: कमरें में अंगीडी जलाकर सोना क्यों है घातक, कैसे हो सकती है किसी की मौत!

On: January 12, 2025 7:14 PM
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Breaking News: सर्दी में अक्सर लोग अंगीठी जलाकर सोते है। लेकिन ये अंगीठी आपके लिए जान लेवा हो सकती है। भिवाडी में शनिवार रात को अंगीठी जलाकर सोने की वजह से तीन लोगों की मौत हो गई। क्योंकि उस समय कमरें के केवल तीन लोग ही थे।

ये पहली खबर नहीं है बल्कि, हर साल सर्दियों में ऐसी खबरें आती रहती हैं। बार बार लोगों को जागरूक् किया जा रहा है फिर वे इसकी कमियों को नहीं समझ रहे है। , इस पूरे मामले से आम लोगों को समझना चाहिए कि अंगीठी जलाकर सोना कैसे आपकी जान ले सकता है।

इस स्थिति को समझने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की है, जिन्होंने बताया कि ये कैसे किसी की जान ले सकता है। उन्होंने बताया कि क्यों हर किसी को अंगीठी जलाकर सोने से बचना चाहिए। यानि अंगीठी जान लेवा बन सकती है।

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एक्सपर्ट ने बताया कि सर्दियों के मौसम में बंद कमरे के अंदर अंगीठी में लकड़ी या कोयला जलाना आपके लिए इसलिए खतरनाक साबित हो सकता है। क्योंकि कोयला या लकड़ी के जलने के बाद कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी कई जहरीली गैसें निकलती हैं। ये जहरील गैसे ज्यादा होने पर मनुष्य के लिए खतरनाक साबित हो जाती है यही कारण की आक्सीजन की कमी से मृत्यु भी हो सकती है।

अंगीठी जलाकर क्यों नहीं सोना चाहिए: बताया कि अक्सर बंद कमरे के अंदर अंगीठी में लकड़ी या कोयला जलाने से कमरे में कार्बन मोनोऑक्साइड का लेवल बढ़ जाता है । ओर ऐसे में कमरे में धीरे-धीरे ऑक्सीजन का लेवल बिल्कुल कम हो जाएगा।

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जैसे की कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होगी तो वह कार्बन सीधे आपके ब्रेन को प्रभावित करती है और ब्रेन में असर होने के कारण कमरे में सोया इंसान बेहोश भी हो सकता है। जब वह सांस लेते हैं जो उसके सांस में खतरनाक कार्बन मोनोऑक्साइड गैस, उसके फेफड़ों में पहुंचकर खून में मिलने लगती है ।

जब पूरी रात वह कइ बार ऐसी प्रकिया होती रहती है तो खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घटने लगता है और अंत में आपकी मृत्यु भी हो सकती है। क्योंकि रात को सोने की वजह से उसके घबराहट हीं होती है यही कारण है वही उठने का प्रयास नहीं करता है।

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जानिए ओर क्या नुकसान: बता दे कि बंद कमरे के अंदर अंगीठी जलाने से आंखों में संक्रमण, सांस की बीमारी, कार्डियक एवं रेस्पिरेटरी फेलियर का खतरे के साथ चमडी में कई स्किन समस्याएं, सर दर्द जैसी बीमारी भी पनपन लगती है।

अस्थमा, साइनस, ब्रोंकाइटिस और स्किन एलर्जी से पीड़ित मरीजों को अंगीठी के पास बिल्कुल भी बैठना चाहिए। इतना हर नहीं छोटे बच्चों और बुजुर्गों को भी इससे दूरी बनानी चाहिए।

सावधानिया:

  • सर्दियों में कमरे के अंदर अंगीठी जलाते समय कमरा पूरी तरह से बंद नहीं होना चाहिए
  • कमरे खिडकी खुली होनी चाहिए आक्सीजन कम नहीं हो
  • अगर एक कमरे में एक से ज्यादा लोग सोते हैं तो अंगीठी को ज्यादा देर तक ना जलाएं

 

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