Currency Update: विकसित देशों की करेंसी की क्रय शक्ति अधिक होती है। इसे सरल शब्दों में ऐसे समझें कि इन जगहों पर 100 रुपए (जो भी उनकी करेंसी हो) में रोजमर्रा की बहुत सी खाने-पीने की चीजें खरीदी जा सकती हैं।
अमेरिका का सबसे बड़ा डॉलर 100 ही है
अमेरिका की करेंसी डॉलर में है। वहां का 1 डॉलर भारत के करीब 85 रुपए के बराबर है। अमेरिका का सबसे बड़ा डॉलर 100 डॉलर ही है। इससे बड़े नोट उनकी अर्थव्यवस्था में प्रचलन में नहीं हैं। 100 डॉलर की कीमत भारत के करीब 85000 रुपए के बराबर है। वहां आम लेन-देन के लिए 100 डॉलर काफी हैं।Currency Update
चीन, ब्रिटेन, जर्मनी, यूएई
चीन का सबसे बड़ा नोट 100 युआन, ब्रिटेन का सबसे बड़ा नोट 50 पाउंड, जर्मनी का सबसे बड़ा नोट 500 यूरो है। यूएई का सबसे बड़ा नोट 1000 एईडी है।
कंगाल पाकिस्तान की हालत
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत इतनी खराब है कि वहां आम आदमी के पास जो नोट हैं, उनमें 5000 रुपये का नोट भी शामिल है। ये नोट वहां आम तौर पर चलन में हैं। हाल ही में खबर आई कि पाकिस्तान में हालत इतनी खराब है कि आम फल, सब्जी, दाल, आटा और पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे हैं। आम आदमी के लिए ये सब चीजें पाना बड़ी बात मानी जा रही थी।
बड़े नोटों की जरूरत क्यों है?
बड़े नोटों की जरूरत उन देशों में होती है, जिनकी अर्थव्यवस्था कमजोर होती है। ऐसी स्थिति को हाइपरइन्फ्लेशन कहते हैं। जैसे-जैसे अर्थव्यवस्थाएं ढहती हैं, आम आदमी को बड़े नोट मिल जाते हैं। वरना, विकसित देशों में भी बड़े नोट हैं, लेकिन उन तक सिर्फ बैंक या दूसरे अधिकारियों की ही पहुंच है।
जिम्बाब्वे
2008-09 में जिम्बाब्वे में बहुत महंगाई थी। पूरी अर्थव्यवस्था डांवाडोल थी, तब 100 ट्रिलियन का नोट जारी किया गया था। जो बमुश्किल कुछ रोटियां खरीदने के लिए काफी था। अब वहां जिम्बाब्वे डॉलर का इस्तेमाल होता है।Currency Update
ईरान
ईरानी मुद्रा का मूल्य डॉलर के सामने बहुत कम है। वहां 10 लाख (2,029.12 भारतीय रुपया) का ईरानी नोट भी इस्तेमाल किया जाता है। 10 लाख ईरानी रियाल 23.75 यूनाइटेड स्टेट्स डॉलर के बराबर है।

















