Farmers Protest: देश में एक बार फिर से अन्नदाता सडको पर उतर आया है। किसानों ने प्रदर्शन की शुरुआत कर दी है। इस बार पंजाब-हरियाणा के अन्नदाता और नोएडा-ग्रेटर नोएडा के किसान शामिल भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल है। सरकार ने किसानोंं को आंदोलन को तोडने के लिए सात जिलो में चार दिन इंटरनेट सेवा बंद कर दी है।
200 से ज्यादा किसान यूनियन का समर्थन
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा ने मांगें पूरी न होने की स्थिति में ‘दिल्ली चलो’ मार्च का आह्वान किया था. इन दोनों किसान संगठनों की मांग के समर्थन में 200 से ज्यादा किसान यूनियन उतर आए हैंI किसानों ने 13 फरवरी 2024 को दिल्ली मार्च करने की घोषणा की हैI किसानों के आह्वान को देखते हुए सरकार के साथ ही पुलिस-प्रशासन भी सतर्कता बरत रहा है.I इससे पहले उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था. बाद में सरकार के आश्वसान के बाद उन्होंने अपना आंदोलन स्थगित कर दिया थाI
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दिल्ली तक मार्च निकालने का ऐलान
पंजाब हरियाणा किसानों ने 13 फरवरी को दिल्ली तक मार्च निकालने का ऐलान किया है। किसानों के एक बार फिर से सड़क पर उतरने की चेतावनी दिए जाने की वजह से प्रशासन की नींद उडी हुई है।
जानिए क्या हे अन्नदाताओं की मांग?
1. एमएसपी की गारंटी
2. किसानों को पेंशन की सुविधा हो और फसल बीमा दिया जाए
3. 2020 में हुए किसान प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों पर केस दर्ज किए गए थे, उन्हें रद्द किया जाए
4. स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों को लागू किया
5.लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पीड़ितों को न्याय
6. नोएडा विकास प्राधिकरणों के जरिए उनकी कृषि भूमि का अधिग्रहण करने के बदले में बढ़ा हुआ मुआवजा
7. नया विकसित भूखंड दिया
जागा प्रशासन, बैठके जारी
केंद्र सरकार पंजाब-हरियाणा किसानों की तरफ से ‘दिल्ली चलो’ मार्च के बाद हरकत में आग आ गई है। इस बार प्रशासन नही पहले की तरह सरकार की किरकरी हो। सबसे पहले सरकार ने तीन केंद्रीय मंत्रियों को चंडीगढ़ भेजा, जो वहां जाकर किसान संगठन के प्रतिनिधिमंडल से बात कर मार्च को रोक सकें।
जूनियर कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा, जूनियर गृह मंत्री नित्यानंद राय और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने आठ फरवरी की शाम किसानों के प्रतिनिधिमंडल से बात की और उन्हें प्रदर्शन नहीं करने को लेकर समझाया और आश्वासन दिया। लेकिन इसके बावजूद किसानो के ऐलान से किसानो की नींद उडी हुई है।
तीन साल ही यादे हुई ताजा
क्या एक बार फिर से 2020-21 में हुए प्रदर्शन को दोहराया जाएगा। सरकार की सबसे बड़ी चिंता पंजाब-हरियाणा के किसानों को लेकर है। हालांकि प्रशासन ने जगह जगह नाके बंदी कर सता जिलो मेंइंटरनेट सेववा बंद कर दी है किसान का आंदोलन ज्यादा न पनप सके।