Gurugram-Manesar में शनिवार को वायु गुणवत्ता लगातार बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। Gurugram में Air Quality Index (AQI) 284 और मानेसर में 254 रहा। पूरे दिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, जिससे नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्तर की हवा सांस और हृदय रोगियों के लिए खतरनाक है। आम लोग भी इससे प्रभावित हो रहे हैं, खासकर बुजुर्ग, बच्चे और बीमार व्यक्ति।
शहर में बढ़ते प्रदूषण के पीछे धूल और वाहनों का धुआं प्रमुख कारण हैं। निर्माण स्थलों से उड़ती धूल, टूटी सड़कों की मिट्टी और लगातार बढ़ते वाहन आवागमन से हवा में प्रदूषक कणों की मात्रा बढ़ रही है। विशेष रूप से सुबह और शाम के समय हवा और अधिक जहरीली हो जाती है। इससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस समय बाहर अत्यधिक गतिविधियों से बचना आवश्यक है।
प्रदूषण नियंत्रण और सरकारी कदम
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने वायु गुणवत्ता बिगड़ने पर फील्ड टीमों को मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। अब टीमें प्रमुख यातायात मार्गों, औद्योगिक क्षेत्रों और निर्माण स्थलों पर निगरानी करेंगी। संबंधित विभागों को सड़क किनारे जमा मिट्टी हटाने और नियमित पानी छिड़काव सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है ताकि धूल का स्तर कम हो सके। कंस्ट्रक्शन साइटों पर ग्रेप नियमों के पालन की मॉनीटरिंग की जा रही है और नियमों का उल्लंघन होने पर जुर्माना और सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है।
नागरिकों के लिए सावधानी और स्वास्थ्य सुझाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों से सावधानी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सुबह और शाम के समय कम बाहर निकलें, मास्क पहनें और बच्चों व बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाएं। स्मॉग के दौरान बाहर व्यायाम करने से फेफड़ों पर गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। नगर निगम सहित अन्य संबंधित विभागों को भी निर्देश दिए गए हैं कि सड़क पर धूल को रोकने के उपाय किए जाएं और नियमित पानी छिड़काव किया जाए। अधिकारी सिद्धार्थ भार्गव ने कहा कि जब तक मौसम में परिवर्तन नहीं आता, वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में बनी रहेगी और सावधानी आवश्यक है।















