Dussehera Festival: इस बार गांधी जयंती व दशहरा पर्व एक ही दिन हैं यानि 2 अक्टूबर को ही दोनो मनाए जाएंगें। दशहरा पर्व नजदीक होने के चलते पुतलों की मांग बढती ही जा रही है। इन दिनों रेवाडी, धारूहेड़ा व भिवाडी मोड पर कई स्थानों पर कारीगर रावण के पुतले बनाने में जुटे हैं। 5 फीट से लेकर 30 फीट के रावण तैयार किए गए हैं। इनकी कीमत 600 रुपये से 12 हजार रुपये तक है।
तेजी से बढी मांग: पिछले कुछ वर्षों में छोटे-छोटे पुतलों की मांग तेजी से बढ़ी है। यही कारण है कि ऑर्डर पर मिलने वाले पुतलों के साथ-साथ वे पहले से भी रावण, मेधनाद और कुंभकरण के छोटे-छोटे पुतले भी तैयार करते हैं।Dussehera Festival
इन चीजों से बनते है रावण: बांस, गत्ता और रंग-बिरंगे कागजों से तैयार रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले आकर्षण के केेंद्र बने हैं। कारीगरों का कहना है कि हर साल पुतलों की मांग बढ़ती जा रही है। यही कारण है कि ऑर्डर पर बनाने के अलावा पहले से भी पुतले तैयार कर रखे जाते हैं।Dussehera Festival
रावण के पुतलों की ऊंचाई पांच फुट से लेकर 30 फुट तक की है। छोटे पुतले खासकर बच्चों को खूब भाते हैं। यहां से गुजरने वाले लोग कारीगरों की मेहनत और रंगों की छटा देखकर रुक जाते हैं। बच्चों और युवाओं में खासा उत्साह दिखाई दे रहा है।
13 दिन में बनता है 30 फीट ऊंचा रावण का पुतला : कारीगरों ने बताया कि रावण के पुतले को तैयार करने में बांस, कागज, गोंद, रंग और कपड़े का इस्तेमाल होता है। 15 से 30 फीट के रावण को बनाने में करीब 10 से 15 दिन लगते हैं।Dussehera Festival
छोटे साइज के पुतले एक से दो दिन में तैयार हो जाते हैं। इसे बनाने के लिए सबसे पहले बांस को काटा जाता है, फिर रावण के ढांचे को तैयार कर उसपर साड़ी या चादर को लपेटा जाता है। अंत में कागज चिपकाने के बाद कलर किया जाता है।Dussehera Festival
20 वर्षों से तैयार कर रहे पुतले : दिल्ली रोड पर पुतले तैयार कर रहे उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के निवासी सुनील ने बताया कि दशहरे को लेकर रावण के पुतले तैयार करने का काम जोरों पर है। वह पिछले 20 वर्षों से रेवाड़ी आकर रावण के छोटे-छोटे पुतले तैयार करते हैं। इस बार उन्होंने 600 रुपये से लेकर 12 हजार रुपये तक के पुतले बनाए हैं।Dussehera Festival

















