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Air Pollution: राजस्थान में शीतलहर के साथ बढ़ा प्रदूषण! कई जिलों का AQI अब गंभीर स्तर पर, स्वास्थ्य के लिए खतरा

On: November 26, 2025 6:41 PM
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Air Pollution: राजस्थान में शीतलहर के साथ बढ़ा प्रदूषण! कई जिलों का AQI अब गंभीर स्तर पर, स्वास्थ्य के लिए खतरा

Air Pollution: राजस्थान में सर्दियों के आगमन के साथ ही मौसम के हालात के साथ हवा की गुणवत्ता में भी तेजी से गिरावट आई है। तापमान घटने के कारण प्रदूषण कणों का जमाव बढ़ जाता है, जिससे वायु गुणवत्ता और अधिक खराब होती है। मौसम विभाग और विशेषज्ञों के अनुसार, राज्य के कई जिलों में अब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) “सिर्व” यानी अत्यंत खतरनाक श्रेणी में पहुंच गया है। इस स्थिति में सबसे अधिक खतरा बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को है। विशेषज्ञों ने लोगों से सलाह दी है कि वे बाहर निकलते समय मास्क पहनें और यदि संभव हो तो घर के अंदर रहकर शारीरिक गतिविधियों को कम करें।

राज्य में वायु प्रदूषण के स्तर पर सबसे चिंताजनक स्थिति भीवाड़ी में देखी गई, जहां AQI 319 दर्ज किया गया। यह स्तर “सिर्व” श्रेणी में आता है और इस हवा के लंबे समय तक संपर्क में रहने से अस्थमा, एलर्जी, खांसी, आंखों में जलन और फेफड़ों की समस्याएं बढ़ सकती हैं। पिछले कई दिनों से भीवाड़ी लगातार लाल क्षेत्र में बना हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस शहर में औद्योगिक गतिविधियों और वाहनों की अधिकता भी वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण है।

अन्य जिलों में भी खराब वायु गुणवत्ता

भीवाड़ी के अलावा राज्य के कई अन्य जिले भी वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। डूंगरपुर में AQI 228 दर्ज किया गया, जो “खराब” श्रेणी में आता है। जालोर, पाली और श्रीगंगानगर में AQI 203 रहा, जो हवा की गुणवत्ता के गिरावट का संकेत देता है। टोंक में हवा की गुणवत्ता और अधिक खराब हो गई, जहां AQI 251 दर्ज किया गया, जो “बहुत खराब” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह की हवा में लंबे समय तक रहने से सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है।

प्रदूषण से बचाव और सतर्कता

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय लोगों को बाहर जाने से बचना चाहिए और यदि जाना अनिवार्य हो तो मास्क का उपयोग करना चाहिए। घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करना लाभकारी साबित हो सकता है। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए और गर्भवती महिलाओं को भी अत्यधिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में जाने से बचना चाहिए। साथ ही, लोग वाहनों का कम इस्तेमाल करें, धुआं और धूल फैलाने वाले कार्यों से परहेज करें और पौधारोपण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दें, ताकि वायु गुणवत्ता में सुधार हो सके।

P Chauhan

हमारा मकसद देश की ताजा खबरों को जनता तक पहुंचाना है। मै पिछले 5 साल में पत्रकारिता में कार्यरत हूं। मेरे द्वारा राजनीति, क्राइम व मंनोरजन की खबरे अपडेट की जाती है।

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