Top Wheat Variety: एक एकड में 80 किव्ंटल होगा गेंंहू, हरियाणा में तैयार किया गया ऐसा बीज

Wheat Variety: गेहूं की ये किस्म किसानों को कर देगी मालामाल, जानिए क्या है इसके फायदे
Wheat Variety: गेहूं की ये किस्म किसानों को कर देगी मालामाल, जानिए क्या है इसके फायदे

Top Wheat Variety  : कृषि वैज्ञानिक हर साल नए नए बीजो का अविष्कार करते है। उनका मकसद किसान को जयादा से ज्यादा पैदावाार दिलाना वो भी (Low cost)कम लागत मे।

 

अभी हाल मे करनाल की -भारतीय गेहूं अनुसंधान के वैज्ञानिकों ने गेहूं की नई 5 किस्में विकसित की है। ये पांचों किस्में किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। Wheat Variety

जानिए क्या होगा फायदा
सबको पता है हर साल खाद व बीज महंगे हो रहे है। ऐसे में किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा बनी हुई है। यही कारण है कि हर साल किसान धीरे धीरे खेती से तोबा करने लगे है। लेकिन ये गेंहू के बीच किसानो के  (Best Wheat variety) लिए बार फिर बरदान साबित होगें।

WHEAT

हाल में तैयार कह गई गेहूं की नई किस्म डीबीडब्ल्यू 327 किसानों को फायदा पहुंचाएगी। बताया जा रहा है इस नई किस्म में एक एकड में 70 से 80 क्विंटल उपज बताई जा रही है। Best Wheat variety

दोगुनी होगी पैदावार: बता दे कि इससे पहले किसान एक एकड में केवल 30 से 40 क्विंटल की गेंह पैदा कर पाता था। अब इस नए बीच से गेहूं की पैदावार से किसानों की आमदनी बढेगी वहीं पैदावार भी दोगुनी होगी।

 

सबको बता है कि कृषि वैज्ञानिक समय समय पर गेहूं की किस्मों पर शोध करते रहते हैं ताकि अच्छी अच्छी वैरायटी तेयार की जा सकी। उनका यही मकसद होता है कि किसान की कम लागत में ज्यादा से जयादा उपज हो सके।

 

जानिए इस किस्म मे क्या है ऐसा खास

  • उत्पादन क्षमता प्रति हेक्टेयर 80 क्विंटल
  • रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों का प्रभाव न के बराबर
  • मौसम प्रतिरोधक क्षमता विपरीत मौसम में भी अच्छा उत्पादन
  • यह नई किस्म अधिक उपजाऊ और बीमारियों से मुक्त है
  • कम लागत में ज्यादा उत्पादन होग

इस राज्यो की होगी गेंंग चेंजर: भारतीय गेहूं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया से गेंहू का नई किस्म का बीज विशेष रूप से हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली के किसानों के लिए फायदे मंद होगा।

क्योकि। इन इलाकों की मिट्टी और जलवायु इस बीज के लिए उपयुक्त मानी गई है। जल्द ही इस बीज को किसानों तक पहुंचाया जाएगा, जिससे वे इसका लाभ उठा सकें। इतना ही इस बीज का कृषि विभाग की ओर से प्रचार और प्रसार भी किया जाएगा।