नैनो यूरिया का फ्री छिड़काव कराने में किसान क्यों नहीं दिखा रहे रुचि, जानिए सच्चाई
हरियाणा: खेती के बरदान बने डीएपी व यूरिया के जगह नैनो किसानो को रास नही आ रही है। नैनो यूरिया की प्रमोशन के लिए डीएपी व यूरिया के बैग के साथ टैगिंग करके नैनो यूरिया देने के योजना विफल होती जा रही है।रेवाडी महेंद्रगढ़ रेलमार्ग पर मिली डेड बॉडी, नहीं हुई पहचान
किसानो ने नकारा: संयुक्त किसान मोर्चा व किसान संगठन इसका विरोध जता चुके हैं। इतना ही नही जिले में भी डीएपी व यूरिया के बैग के साथ नैनो की बोतल देने का कई गांवों व समितियां के यहां विरोध हो चुके हैं। नैनो यूरिया को किसान फसल में इतना कारगर नहीं मान रहे हैं, इसके लिए इसका इस्तेमाल बहुत कम है।
जानिए क्या है योजना
अब महिला किसान मुफ्त और अन्य किसान मात्र 100 रुपये में अपनी फसल में ड्रोन से नैनो यूरिया का छिड़काव करवा सकेंगे। इसके लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग पंचकूला ने प्रदेश के सभी उप कृषि निदेशकों को निर्देश जारी कर दिए हैं। रबी सीजन 2023-24 के दौरान हरियाणा के 22 जिलों में नैनो उर्वरक पर प्रदर्शन की योजना बनाई है, जिसमें रबी सीजन में एक लाख किसानों के खेतों में ड्रोन से नैनो यूरिया के छिड़काव का लक्ष्य रखा गया है।हरियाणा के सीएम का बडा ऐलान: अपन व अपने भाई का मकान किया दान, बनाई इसमें जाएगी लाईब्रेरी
ये मापदंड किए निर्धारित
कृषि उपनिदेशक कार्यालय से किसान का मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण अनिवार्य किया है। इसके लिए कृषि विभाग में नैनो यूरिया उर्वरक के लिए अलग से स्टॉक रजिस्टर बनाया जाएगा। किसान एमएफएमबी पोर्टल पर रुचि दिखाकर इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं या वे संबंधित बीएओ, एडीओ, बीटीएम, एटीएम को भौतिक आवेदन जमा कर सकते हैं। उप निदेशक कृषि किसानों के ऑफलाइन आवेदन को एमएफएमबी पोर्टल पर अपलोड कराना सुनिश्चित कराएंगे।Haryana: भाजपा इन शहरों में खोलेगी पार्टी कार्यालय, वोट बैंक जुटाने में झोकी ताकत ?
नैनो यूरिया का छिड़काव करते समय किसानों की तस्वीरें भी अपलोड की जाएंगी। किसानों से नैनो यूरिया की प्रति बोतल 100 रुपये शुल्क लिया जाएगा। बीएओ, एडीओ जिला व ब्लॉक स्तर पर नैनो यूरिया की बोतलें किसानों को उपलब्ध कराएंगे। ड्रोन से छिड़काव का अतिरिक्त खर्च सरकार खुद उठाएगी। इफको ऑपरेटर सहित पर्याप्त संख्या में ड्रोन मुहैया कराएगा।
ज्यादा कारगर नहीं
कियानो का कहना है बैग में आने वाला यूरिया जब गेहूं की बिजाई होती है ओर पौधे को बढ़ाने के लिए जरूरत होती है। नैनो यूरिया का जिन किसानो ने इस्तेमाल किया है, वह ज्यादा कारगर नहीं रहा है। यहीं कारण है किसान इसे पंसद नही कर रहे है।