Haryana News: सरसों ने छुड़ाए किसानों के पसीने, बाहर घंटों तक लाइनों में लगे किसान

KISAN MANDI

किसानों को सरसों बेचने के लिए करना पड़ रहा छह घंटे इंतजार
Haryana News : हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद 26 मार्च से शुरू हो गई है। वहीं खरीद के दौरान किसानों को अपने फसल बचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रहा है। अल सुबह से फसल कटाइ बीच में छोड़कर अनाजमंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसानों को घंटों लाइनों में लगने के बाद भी उनकी सरसों की खरीद नहीं हो रही है।

सरसों लेकर मंडी में पहुंचे किसानों का दर्द छलकता साफ दिखाई दे रहा है। किसानों का कहना है कि वे ऐसी मजधार के बीच फंसे हैं कि वे अपनी फसलों की कटाई करें या फिर फसल बचने के लिए मंडियों के चक्कर काटें।

हरियाणा में समर्थन मूल्य पर सरसो व गेंहू की खरीद जा रही है। जहां गेंहू तो किसान लेकर पहुंच ही नहीं रहे है, वहीं सरसो को लेकर किसानो का बिना बेचे बैंरग लोटना पड रहा हैं

नमी या अव्यवस्था: अनाज मंडी में अव्यवस्था की वजह से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोजाना करीब 2 किलोमीटर का लंबा जाम लगने से किसानों की परेशानी और बढ़ गई है। मंगलवार को अमर उजाला की टीम शहर की बिठवाना अनाज मंडी में पड़ताल करने पहुंची।

REWARI ANAJ MANDI

गेट पास को लेकर परेशान: रेवाडी में किसानो का कहना है कि यदि गेट पास काटना ही है तो वह गेट पर काटना चाहिए। न की मंडी के अंदर। मंडी के अंदर भी करीब 2 से 3 घंटे तक अपने नंबर का इंतजार करना पड़ता है। नमी बताकर वापस भेजा जाता है तो दोबारा आने में करीब 2 हजार का खर्च पड़ता है। Haryana News

छह घंटे इंतजार: किसानो का कहना है मंडी में अवयस्था के चलते किसान ट्रैक्टर पर करीब 6 घंटे से नंबर आने के इंतजार में बैठे हैं।सबसे ज्यादा परेशानी उन किसानों को उठानी पड़ती है जिनका नंबर आने के बाद बताया जाता है कि सरसों में नमी ज्यादा है। इस वजह से खरीद नहीं हो पाएगी। ऐसे किसानों के लिए समस्या काफी अधिक रहती है।

 

मंगलवार को भी कई किसानों को नमी बता कर वापस भेजा गया। किसान राजवीर, रामपाल, हितेश ने बताया कि वह सुबह से ही अनाज मंडी के गेट के बाहर अपना ट्रैक्टर लेकर खड़े थे। दोपहर 12 हजार बजे के बाद वह अनाज मंडी के अंदर प्रवेश हुए, पीने तक के पानी के लिए भी इधर-उधर भटकना पड़ता है।

75 हजार क्विंटल सरसों की हो चुकी आवक Haryana News

वहीं मार्केट कमेटी के सचिव परमजीत नांदल का कहना है कि खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंडी में पानी खत्म होने पर दोबारा प्याऊ में भरा जाता है और लाइनों में लगे किसानों के लिए पुलिस व्यवस्था की गई है। अब तक करीब 75 हजार क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है और 10 हजार खरीद की गई है।