Agriculture News: आखिर कहां जा रहा है किसानों के हक का खाद, Haryana में खाद को लेकर हा हाकार

KHAD

Agriculture News: सवाल यह है कि खाद की कालाबाजारी रोकने में सरकारी तंत्र विफल क्यों है? क्या यह सारा धंधा मिलीभगत से चल रहा है? साधन सहकारी समिति में खाद की किल्लत क्यों है? क्या चेकिंग अभियान के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है? सरकार के आदेशों का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? आखिर किसान के हिस्से की खाद कहां बेची जा रही है?

सरकार के तमाम दावों के बावजूद उत्तर प्रदेश में खाद की कालाबाजारी धड़ल्ले से चल रही है। इसके चलते किसानों को यूरिया खाद नहीं मिल पा रही है। सरकारी खाद वितरण केंद्रों में खाद की अनुपलब्धता के चलते धान और अन्य फसलें नष्टï होने की कगार पर है।

सवाल यह है कि खाद की कालाबाजारी रोकने में सरकारी तंत्र विफल क्यों है? क्या यह सारा धंधा मिलीभगत से चल रहा है? साधन सहकारी समिति में खाद की किल्लत क्यों है? क्या चेकिंग अभियान के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है? सरकार के आदेशों का पालन क्यों नहीं कराया जा रहा है? आखिर किसान के हिस्से की खाद कहां बेची जा रही है?

KHDA KILLAT

क्या इसका असर प्रदेश के अन्न उत्पादन और आर्थिक विकास पर नहीं पड़ेगा?
प्रदेश में यूरिया खाद की कालाबाजारी रुकने का नाम नहीं ले रही है।

किसान खाद के लिए इन समितियों के चक्कर लगा रहे हैं। पूरे जिले यूरिया खाद को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। किसानों को महंगे दाम पर खाद खरीदनी पड़ रही है। इसका असर फसल उत्पादन लागत पर पड़ रहा है। इस समय किसान को धान व अन्य फसलों के लिए खाद की जरूरत है। यदि उसे समय पर खाद नहीं उपलब्ध हुई तो उसकी सारी मेहनत पर पानी फिर जाएगा। फसल चौपट हो जाएगी।

इसमें दो राय नहीं कि खाद की कालाबाजारी सरकारी कर्मियों की मिलीभगत के चलते हो रही है। खाद की कृत्रिम किल्लत पैदा की गई है। वहीं कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ चल रहा अभियान खानापूर्ति बनकर रह गया है। लिहाजा कालाबाजारी करने वालों के हौसले बुलंद हैं और किसान कुछ बोरी खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं। Agriculture News

यह स्थिति बेहद गंभीर है। यदि अन्नदाताओं को खाद, बीज और सिंचाई की सुविधा नहीं मिलेगी तो वे कैसे लोगों के लिए खाद्यान्न का उत्पादन कर सकेंगे। अगर किसान किसी तरह कर्ज लेकर फसलों का उत्पादन कर भी लेते हैं तो उनको लागत मूल्य निकालना भी मुश्किल हो जाएगा।

यदि प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाना चाहती है तो उसे न केवल खाद की कालाबाजारी को रोकना होगा बल्कि इसमें लिप्त लोगों को चिन्हित कर कठोर कार्रवाई भी करनी होगी।