हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद अब खत्म होने की ओर बढ़ रहा है। दोनों राज्यों के बीच 54 किलोमीटर लंबी सीमा पर अब मजबूत सीमेंट के पिलर लगाए जाएंगे। इसके लिए 17 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव वित्तीय व्यय समिति की लखनऊ बैठक में मंजूर कर लिया गया है। यह कदम दोनों राज्यों के किसानों के बीच चल रहे जमीन विवादों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाएगा।
जल्द होगा काम का टेंडर जारी
शासन से धनराशि जारी होते ही लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खंड शामली, पिलर निर्माण का ऑनलाइन टेंडर जारी करेगा। बताया गया है कि वर्ष 1974 से अब तक कई स्थानों पर पुराने सीमा पिलर या तो टूट गए हैं या पूरी तरह गायब हो चुके हैं। इन पिलरों के गायब होने से सीमावर्ती गांवों के किसानों में जमीन की सीमा को लेकर बार-बार विवाद खड़े हो जाते हैं।
सीमेंट पिलर होंगे ज्यादा मजबूत और टिकाऊ
इस समस्या के समाधान के लिए सर्वे ऑफ इंडिया, देहरादून की टीम ने पूरे क्षेत्र का विस्तृत सर्वे किया था। टीम ने सुझाव दिया था कि यमुना नदी को केंद्र बिंदु मानते हुए सीमा पर नए और टिकाऊ सीमेंट पिलर लगाए जाएं। राजस्व टीम के अनुरोध पर लोक निर्माण विभाग शामली ने 17 करोड़ रुपये का संशोधित प्रस्ताव शासन को भेजा था, जिसे अब स्वीकृति मिल चुकी है।
लंबे समय तक टिके रहेंगे नए पिलर
लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता राजकुमार सिंह के अनुसार, नए पिलर की मोटाई एक मीटर और लंबाई 21 मीटर होगी। इस डिजाइन से ये पिलर मजबूत, टिकाऊ और मौसम की मार से सुरक्षित रहेंगे। उम्मीद है कि इनके लगने के बाद हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बीच चल रहे सीमा विवाद को स्थायी रूप से सुलझा लिया जाएगा।

















