Asia’s largest double tunnel: करीब 1,000 करोड़ रुपए की लागत से एशिया का पहला सबसे बडा टनल हरियाणा के रेवाड़ी में बनकर तैयार हो गया है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) के अंतर्गत हरियाणा में बनाए गए टनल को डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन की फैसिलिटी के साथ बनाया गया है। जो एशिया का सबसे बडा व पहला टनल है।
रेवाड़ी दादरी सेक्टर डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वाईपी शर्मा ने इस डबल स्टैक कंटेनर और डबल ट्रेन के लिए एक किलोमीटर लंबा टनल बनाया गया है। इस तरह का ये एशिया का पहला टनल है। इसको बनाने में दो वर्ष में समय लगा है तथा इस पर करीब 1,000 करोड़ रुपए की लागत आई है।
डीएफसीसीआईएल कम्युनिकेशन कॉरपोरेट के उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने बताया कि एश्यिा का सबसे बडा प्रोजेक्ट है। उन्होंने बताया कि टनल को बनाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इसी के चलते इस बनाने में तय समय से कुछ जयादा समय लगा है।
डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर वाईपी शर्मा ने बताया कि टनल के पीछे साढ़े छह किलोमीटर का डीप कट है और उसकी गहराई 30 से 35 मीटर है। यहां पर आस-पास लोग रहते हैं, जिसके कारण हमने कंट्रोल ब्लास्टिंग करने का काम किया। बहुत सावधानी व जिम्मेदारी से इस प्रोजेक्ट को सिरे चढा दिया गया है।
उप महाप्रबंधक चित्रेश जोशी ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर को लेकर बताया कि यह एक विशेष कॉरिडोर है, जो सिर्फ मालगाड़ियों के लिए बनाया गया है। 2,843 में से 2,741 किलोमीटर कॉरिडोर का काम पूरा हो चुका है।
2,843 किलोमीटर लंबाई के दो कॉरिडोर हैं। एक पूर्वी कॉरिडोर है, जो लुधियाना के पास साहनेवाल से शुरू होकर के बिहार के सोननगर तक जाता है। दूसरा पश्चिमी कॉरिडोर है जो दादरी से शुरू होकर के मुंबई तक जाता है।