नेचर पार्क योजना सिर्फ कागजों पर सिमटी, दूसरी बार मरी मछलियां
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सुनील चौहान। धारूहेड़ा: यहां साहबी बैराज में एक बार फिर दूषित पानी से ढेरो मंछलियों ने दम तोड दिया। धडल्ले से छोडा जा रहा पानी पहले भी हजारों मछलियों की जान ले चुका है। सबस अहम बात यह है बार बार दम तोड रही मछलियों को लेकर विभाग ने चुप्पी साधी हुई है। दूषित पानी से एक दर्जन गांवोंं के लोग परेशान थे, अब जीवों के लिए ये पानी जान लेवा बन गया है। Haryana News
एनजीटी की से साहबी बैराज में छोडे जा रहे पानी को लेकर भले ही जुर्माना लगाने के आदेश जारी किए हो, लेकिन अभी भी पानी लगातार छोड़ा जा रहा है। आलम यहां तक कि पानी से मछलियां मर रही है तथा पेड सूख गए है। इससे पहले 5 जुलाई को ढेरो मछलियां मरी थी। लेकिन उसक बाद एक बार फिर सोमवार को दूषित पानी से ढेरो मछलियोंं की जान ले ली है।Haryana News
किसान अमरदीप ने बताया कि पहले भी हजारों मछलियां मरने के बावजूद भी सिचाई एवं मतस्य विभाग की नींंद नही टूटी है। एक बार फिर मछलियां मर गई है।पिछली बार हुई शिकायत को लेकर अगर एक्सन लेते ही दोबारा से मछलियां नही मरती।
जानिए क्या थी योजना
बांध की कुल 1648 एकड़ जमीन
1648 एकड़ जमीन है मसानी बैराज क्षेत्र में है। जो कि सिंचाई विभाग के अधीन
500 एकड़ में बांध फैला हुआ है।
1148 में से 500 एकड़ जमीन वन विभाग को प्रतिपूर्ति पौधरोपण के लिए
648 एकड़ शेष जमीन के ज्यादातर हिस्से में नेचर पार्क प्रस्तावित
कागजी में सिमटी योजना: अगस्त 2018 में हरियाणा वन विकास निगम की ओर से बोटिंग व फूड कोर्ट आदि के लिए टेंडर भी छोड़ा गया है। तब कहा गया सबकुछ प्लानिंग के अनुसार अक्टूबर 2021 तक यहां बोटिंग शुरू करा दी जाएगी। लेकिन उसके बाद कई अक्टूबर चले गए आज तक वो योजना सिरे नहीं चढी। लेकिन दूषित पानी की झील जरूर बना दिया। Haryana News
समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं: पिछले माह ढेरों मछलियां मरी गई। कोई सुनवाई नहीं हुई। आज फिर मछली मर गई हैं। सिचाई विभाग, वन विभाग, मतस्य विभाग को सूचना दी गई, लेकिन समस्या को लेकर कोई गंभीर नहीं है।
सुशीला देवी, सरपंच खरखड़ा