Blast in Bhiwadi : खुशखेड़ा स्थित दवाइयां बनाने वाली फैक्ट्री वर्तिका कैमिकल्स में हुए हादसो को लेकर बडा खुलासा हुआ है। दूसरी मंजिल पर बने टैंक फटने आग लगी है। सुरक्षा नियमों की लापरवाही से एक बार फिर 4 श्रमिकों की जान ले ली है।
जांच के नाम खाना पूर्ति: कंपनियों में सुरक्षा नियमों की अनदेखी की जा रही है। टैंका फटना लापरवाही की ही कारण। हालांकि हादसे के बाद प्रशासन से कर्मचारी पहुंच गए थे तथा आज कंपनी की जांच भी होगी। लेकिन सवाल यह है अगर विभाग सुरक्षा को लेकर सक्रिय होता तो यह हादसा ही नही होता।Blast in Bhiwadi
क्या कहते है अधिकारी: दवा निर्माता फैक्ट्री में हुए हादसे की जांच गुरुवार से शुरू होगी। कलेक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला ने बताया कि मौके पर एडीएम व एसडीएम पहुंच गए थे। इस तरह के मामलों की जांच फैक्ट्री रूल्स के हिसाब से की जाती है।

फैक्ट्री एंड बॉयलर्स विभाग जयपुर के मुख्य निरीक्षक डीएल डामोर से ने बताया कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए दो वरिष्ठ अधिकारियों का संयुक्त जांच दल गठित किया है, जो गुरुवार से जांच शुरू करेगा। Blast in Bhiwadi
चार की मौत: बुधवार सुबह तक चले तलाशी अभियान में 3 शव मलबे में दबे मिले। इनकी पहचान राजकुमार पुत्र बंशीलाल उम्र 35 साल निवासी डोडा जम्मू, अजय पुत्र जटाशंकर उम्र 24 साल निवासी मिर्जापुर उत्तर प्रदेश, विकास पुत्र अभय राज उम्र 22 साल निवासी मिर्जापुर यूपी के रूप में हुई। Blast in Bhiwadi
इससे पहले मंगलवार शाम मिले शव की पहचान विशाल सिंह पुत्र राजकुमार निवासी सुल्तानपुर अमेठी यूपी के रूप में हुई थी। मृतक राजकुमार, विशाल, अजय और विशाल आदि शामिल है।

इस दल को हादसे की विस्तृत जांच कर निष्कर्ष के साथ 15 दिन में रिपोर्ट पेश करनी होगी। जांच के समन्वयक की जिम्मेदारी जगमोहन मीना, वरिष्ठ निरीक्षक कारखाना एवं बॉयलर्स भिवाड़ी तथा सदस्य के रूप में नितीश चौधरी वरिष्ठ निरीक्षक कारखाना (रसायन) जयपुर को सौंपी है।
जांच के समन्वयक की जिम्मेदारी जगमोहन मीना, वरिष्ठ निरीक्षक कारखाना एवं बॉयलर्स भिवाड़ी तथा सदस्य के रूप में नितीश चौधरी वरिष्ठ निरीक्षक कारखाना (रसायन) जयपुर को सौंपी है। Blast in Bhiwadi
फैक्ट्री में काम करने वाले श्रमिकों ने बताया कि हादसा दूसरी मंजिल पर हुआ, जहां रखा कैमिकल टैंक अचानक फटने से वहां काम कर रहे श्रमिक फंस गए। नीचे काम करने वाले श्रमिक तो तेज आवाज सुनकर बाहर निकल गए, लेकिन ऊपर काम करने वाले श्रमिक फंस गए। इस बीच गेट और खिड़कियों से बाहर निकल रही आग की (Fire in Bhiwadi) लपटों ने श्रमिकों को चपेट में ले लिया।
श्रमिकों ने नीचे उतरकर भागने का प्रयास किया। कुछ श्रमिक तो घायल अवस्था में बाहर आ गए लेकिन कुछ श्रमिक रास्ते में फाल सीलिंग का मलबा गिरने और सुध-बुध खोने के कारण गिर गए और दोबारा उठ नहीं पाए। इससे वे आग में जीवित जल गए।
















