Haryana News: राज्य सूचना आयोग ने RTI कानून के नियम में किया काफी संशोधन किया गया है। अब गुमनाम आवेदनों को लेकर राज्य सूचना आयोग ने आपति जताई है। इसी के चलते अब बिना आइडी प्रूक सूचना मामने वाले की अप्लीकेशर रिजेक्ट कर दी जाएगी।
हरियाणा में सूचना का अधिकार (आरटीआई) कानून के तहत अगर किसी को कोई जानकारी चाहिए तो आवेदन के साथ पहचान का सबूत यानी आईडी प्रूफ भी लगाना होगा।
आवेदन में आवेदक के पते के साथ आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर कार्ड, पैन कार्ड, परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) या सरकारी अथॉरिटी द्वारा जारी पहचान पत्र में से कोई एक कागजा लगाना जरूरी है।
इतना ही संशोधन के चलते यह भी बताया गया कि आईडी प्रूफ पहचान पत्र नहीं होने पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराई तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
राज्य सूचना आयोग ने इसको लेकर जताई आपत्ति
आवेदन के साथ पहचान पत्र नहीं होने के बावजूद आरटीआई का जवाब देने के कई मामले सामने आ चुके हैं, इतना ही ऐसे केस तेजी से बढते जा रहे है। इसी से परेशान होकर राज्य सूचना आयोग ने सरकार को इसको लेकर आपत्ति जताई है।
इस पर एक्शन लेते हुए मुख्य सचिव कार्यालय ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, बोर्ड-निगमों के प्रबंध निदेशक और मुख्य प्रशासक, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार तथा विश्वविद्यालयों के रजिस्ट्रार को लिखित आदेश जारी किए हैं।
ID Proof नहीं तो जबाव नहीं
बता दे कि सूचना अधिकार के तहत सूचना मांगने वाले को अप्लीकेशन के साथ आईडी प्रूफ की फोटो कॉपी भी साथ लगाना जरूरी है। अगर आवेदक अपने आवेदन के साथ पहचान के सबूत नहीं लगाता है तो उसकी आरटीआई का कोई जवाब नहीं दिया जाए।
यदि नियमों की अनदेखी कर अगर कोई जन सूचना अधिकारी, प्रथम अपीलीय अधिकारी और राज्य जनसूचना अधिकारी आरटीआई का जवाब देते हैं तो उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।