Delhi-Jaipur Highway: दिल्ली-जयपुर हाइवे के बिलासपुर चौक पर बनाए जा रहे फ्लाईओवर का काम कचुआ गति से चल रहा है। रोजाना लग रहे जाम से वाहन चालको को जीना मुहाल हो गया है।सबसे अहम बात यह है कि 3 महीने बाद भी फ्लाईओवर का बेस तैयार नहीं हो पाया है। दिनभर जाम लगा रहता है।
दिनभर लगता है भंयकर जाम
हैवी ट्रैफिक होने के कारण इस चौक पर पहले दिन से ही जाम के हालात बने हैं। यहां दिनभर चार से पांच किलोमीटर लंबा जाम लगा रहता है। सबसे अहम बात यह है कि 3 महीने बाद भी फ्लाईओवर का बेस तैयार नहीं हो पाया है। दिनभर जाम लगा रहता है।
लंबे इंतजार के बाद दिल्ली-जयपुर हाईवे Delhi-Jaipur Highway के नवीनीकरण के तहत बिलासपुर चौक पर जनवरी के तीसरे सप्ताह में फ्लाईओवर का निर्माण आरंभ किया गया था। इसी दौरान यहां मेन कैरेजवे के ट्रैफिक को 10 मीटर चौड़ी सर्विस रोड पर डायवर्ट किया गया।
3 माह में बेस तैयार नहीं
3 महीने बाद भी फ्लाईओवर का बेस तैयार नहीं हो पाया है। NHAI ने इसके निर्माण के लिए अक्टूबर तक की समय सीमा तय की है। ऐसे में तय समय में फ्लाईओवर के निर्माण पर सवाल खड़े हो रहे हैं। एनएचएआई ने फ्लाईओवर के निर्माण की जिम्मेदारी एक प्राइवेट एजेंसी को दी हुई है।
भीषण गर्मी में लोग परेशान: हाइ्रवे पर निर्माण धीमी गति से चल रहा है। एजेंसी की लापरवाही भीषण गर्मी के बीच वाहन चालकों पर भारी पड़ रही है। बताया जाता है कि दिल्ली-जयपुर हाईवे के दूसरे प्रॉजेक्ट पर एजेंसी ज्यादा फोकस कर रही है।जबकि बिलासपुर चौक पर मशीनरी न होने के कारण यहां काम कछुआ गति से चल रहा है।
जाम से दिक्कत, लोग Delhi-Jaipur Highway
गर्मी बढ़ने के साथ जाम की समस्या ने यहां सफर करने वाले वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा दी है। फ्लाईओवर के निर्माण के लिए हाईवे के दोनों तरफ मेन कैरेजवे तो बंद कर दिए, लेकिन एजेंसी की ओर से न निर्माण की गति तेज की जा रही है और न ही वाहन चालकों की समस्या को देखते हुए पर्याप्त सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है।
अक्टूबर तक पूरा होगा निर्माण
NHAI के परियोजना निदेशक अजय आर्य ने बताया कि यहां सिंगल पिलर पर फ्लाईओवर बनाया जाना है। धीमी गति से कार्य करने के लिए एजेंसी से जवाब तलब किया जाएगा। निश्चित ही अक्टूबर तक इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा। Delhi-Jaipur Highway
हाईवे पर मानेसर के पास सिंगल पिलर पर फ्लाईओवर बनाया जाना है। धीमी गति से कार्य करने के लिए एजेंसी से जवाब तलब किया जाएगा।
अजय आर्य, परियोजना निदेशक, NHAI