Blast in Rewari: 17 दिन बाद भी गिरफ्तारी क्यों नहीं, पुलिस जांच पर उठे सवाल ?
प्रशासन की मिली भगत के चलते नहीं की जा रही गिरफ्तारी
Blast in Rewari: यहां की लाईफ लॉग कंपनी में डस्ट कलेक्टर से झुलसे 16 श्रमिको की मोत हो चुकी है। सबसे अहम बात यह है कि हादसे के 17 दिन बाद ही न तो ठेकेदार तथा न ही मालिक की गिरफ्तारी हो पाई है। हादसे में झुलसे हुए श्रमिको की ओर से पुलिस जांच पर सवाल उठाए जा रहे है।
जांच रिपोर्ट को खाना पूर्ति : शुरूआत में एसआईटी की ओर से कहा गया था सुरक्षा नियमो की अनदेशी के चलते तथा नियमित डस्ट कलेक्टर की सफाई नही होने के चलते हादसा हुआ है। हादसे के लिए प्रबंधक को ही जिम्मेदार ठहराया गया। लेकिन राजनेतिक दबाब के चलते मामलो को फिर से उलझा दिया है। टैक्नीकल रिपोर्ट लेने को लेकर अब फिर से मामला ठंडे बस्ते मे डाल दिया है। 17 दिन बाद गिरफ्तारी नहीं होने पर अब पुलिस की जांच व कारवाई को लेकर सवाल उठने लगे गई है।
क्या है नियम: कंपनी की सैफ्टी पोलिसी के चलते जो प्रथम जिम्मेदार होता है, उसी पर हादसो को लेकर कार्रवाई करने का प्रावधान है। फिलहाल कंपनी के कागजातो के अनुसार फरीदाबाद के रहने वाले विजय कुमार लाईफ लॉग कपनी के सीइओ है। इस कपंनी के धारूहेडा, हरिद्वार व गुजरात मे प्लांट है। जिस प्लांट में हादसा हुआ है, वहा पर सारी मेनपावर ठेकेदार की थी तथा शिवम ठेकेदार के अधीन कार्यरत है।
बता दे 16 मार्च को लाइफ लॉग कंपनी डस्ट कलैक्टर बलास्ट हो गया था। उस दिन 39 श्रमिक झुलसे गए थे। झुलसे हुए श्रमिको को रेवाडी, धारूहेडा भर्ती करवाया गया था। हालात गंभीर के चलते 23 श्रमिको 16 मार्च को रोहतक रैफर किया गया था। वहीं चार श्रमिको को दिल्ली सफरदंग रैफर किया गया था। दिल्ली में तीन तथा रोहतक में 13 श्रमिको की मोत हो चुकी है। फिलहाल तीन अस्पतालो में 9 श्रमिक अभी भी उपचाराधीन है। जबकि 14 की छुट्टी हो चुकी है।