HSIIDC Dharuhera: करोडों का प्रस्ताव मंजूर, फिर भी औद्योगिक कस्बे से नहीं छटा अंधेरा

न लाइटें, न डेनेज, न ही एसटीपी, कई एकड में भरा है दूषित पानी
धारूहेडा: करोडो रूप्ए का राजस्व देने वाला औद्योगिक कस्बे मे  HSIIDC Dharuhera एचएसआईडीसी अधिकारियों की अनदेखी के लिए सुविधाओ के लिए तरस रहे है। आलम यहां तक है कि 8 साल पहले प्रस्ताव मंजूर होने के कस्बे में लाइटें नहीं लग पाई है। अंधेरे के चलते श्रमिकों को आवागमन में भारी परेशानी झेलनी पड रही है चही वारदात को भी भय बना रहता है।

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बता दे कि कस्बे में राष्टीय, अंतराष्ट्रीय व छोटे बडे 112 उद्योग संचालित है। जबकि 20 से अधिक कंपनियां बंद पडी हुई है। 2015 में रेवाडी के विधायके ने एचएसआइडीसी से बैठक आयोजित अपने कार्यकाल में सुविधाओं को लेकर बीडा उठाया था। विधायक के प्रयास से एचआईडीसी की ओर से से सडक, सेफ्टी टेंक, स्ट्रीट लाइटे, एसटीपी व डेनेज सुविधाओ के लिए 130 करोड का टैंडर हुआ था। टेंडर हुए 8 साल होने के बावजूद सडक कार्य को छोडकर सारे कार्य अधर में लटके हुए है।

HSIIDC

 

शाम ढलते ही छा जाता है अंधेरा HSIIDC Dharuhera

औद्योगिक कस्बे स्ट्रीट लाईओ की कोइ व्यवस्था नहीं है। शाम होते ही पूरे औद्योगिक कस्बे में अंधेरा छा जाता है। अंधेरे के लिए रात को डयूटी आने वाले श्रमिको के लिए भय बना रहता है। कई बार अंधेरे में वारदातें भी हो चुकी है। कंपनियों में सुविधाओ के लेकर उद्योगपति कई बार उपायुक्त् व सासंद को भी कई बार ज्ञापन सोंप चुके है। अंधेरे के चलते ऐसा लगता है कि मानो सारी इंस्डस्ट्रीज ठप पडी हुई हो।

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दिनभर लगता है जाम HSIIDC Dharuhera

औद्योगिक कस्बे में आने के लिए बस स्टैड के पास सरकारी स्कूल के पास से वाहन आते है। जबकि यहा पर अंडरपास में अक्सर वाहन फंसे रहे है। इनकी वजह से दूसरे वाहन चालक भी परेशान है। अंडर पास से केवल पैदल आदमी या बाइक सवार का ही आवागमन होना चाहिए। इस स्थान पर पिल्लर लगाए जाए ताकि पिकअप, टैंपो व कारो की एंट्री बंद हो सके।
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NIHAL SINGHऔद्योगिक कस्बे में किसी भी खंबे पर लाईटें नहीं है। रात कां कंपनियों में जाते समय बडी परेशानी उठानी पडती है। अंधेरे के चलते लोग रात को कंपनियों में जाने से कतराते है।
निहाल सिंह, एचआर प्रभारी , रीवेंट इंजीनियरिंग

 

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satvirसुविधाओ को लेकर धारूहेडा तरस रहा है। धारूहेडा में सडके तो बडी है, लेकिन एसटीवी व लाइटों के लि कोई कदम नही उठाया गया है।
सतबीर, प्रबंधक, रूप ओटो कंपनी

 

 

Mohinder kumarएचएसआईडीसी की ओर कहीं पर भी लाईटे नहीं लगाई है। शाम होते ही पूरे औद्योगिक कस्बे में अंधेरा छा जाता है। कई बार मांग उठाई जा चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
मोहिंदर , उद्योगपति

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पूरे औद्योगिक कस्बे  में नई लाइटें लगानी है। इलेक्ट्रिक विंग इस कार्य पर लगी हुई है। सौ फीसदी खंबो पर लाईट लगाने की योजना है, जिस पर कार्य जारी है।
राजीव गोयल, मैनेजर, एचएसआईडीसी