हरियाणा: हरियाणा ओर राजस्थान में रोजाना टाईगर (ST 2303 Tiger) के आने की अफवाहे जारी है। इस अफवाहो से (Alwar news) सरिस्का की टीम भी परेशान है। अलवर सरिस्का बाघ (Alwar Sariska Tiger) अभ्यारण से भटकने के बाद रेवाड़ी से बहरोड क्षेत्र में पहुंचे बाग की मूवमेंट की वजह से रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ व राजस्थान के बहरोड़ कोटपूतली जिला में अफवाहों का दौर लगातार बढता ही जा रहा है।
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सिलारपुर में पहुंची टीम
अटेली खंड के सिलारपुर के ग्रामीणों ने वन्य प्राणी विभाग को गांव में बाघ होने की जानकारी दी। पुलिस एवं विभाग की टीम ने वहां जांच की तो किसी तरह के पगमार्क नहीं मिले। इसके बाद टीम वापस लौट आई। सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर जारी है।
छाई रही सोशल मीडिया पर अफवाहें
हरियाणा ओर राजस्थान में रोजाना टाईगर (Tiger news ) के आने की अफवाहे जारी है। इस अफवाहो से सरिस्का की टीम भी परेशान है। शनिवार को भैरू का बांस, ऊंचा जमालपुर, नांगल (रेवाड़ी) व बहरोड़ कोटपूतली राजस्थान के गांव खून्दरोठ पड़ौसी रामपुरा व कांटी (महेंद्रगढ़) में टाइगर को लेकर तरह-तरह की अफवाहें सोशल मीडिया पर छाई रही। सूचना के चक्कर में प्रशासन द्वारा बार बार मुनादी करवा रहा है।
सरिस्का बाग अभ्यारण की टीम के अनुसार सोमवार को बाघ 2303 का मूवमेंट बहरोड (Rajsathan) के पास स्थित जैनपुर बास – पहाड़ी गांव में थी। वहां भी एक खेत में महिला पर हमले का प्रयास की बातें सोशल मीडिया पर छाई रही। महिला रविता को टाइगर सरसों के खेत में दिखाई दिया था। लेकिन उसके बाद किसी ने भी नहीं देखा।वन्यजीव विशेषज्ञ व सरिस्का अभयारण्य टीम के अनुसार उसके बाद यह सोतानाला की ओर बढ़ गया।
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टाईगर की ताजा स्थिति: वन विभाग के अुनसार मुंडावर इलाके की है बहरोड इलाके में 4 दिन से घूम रहे बाग के पग मार्ग समद की पहाड़ी के पास मिले हैं। सरिस्का टाइगर रिजर्व रेंजर शंकर सिंह शेखावत और ताल वृक्ष रेंजर दिलीप सिंह के साथ वन विभाग की टीम लगातार टाइगर को सर्च कर रही है।
टाईगर हमला की सूचना मिली झूठी
राजस्थान साथ लगते हरियाणा के (haryana )गांव रामपुरा व कांटी में भी इस तरह की अफवाहें उड़ी थी। एक दिन पहले बोचड़िया में भी एक किसान ने किसी जंगली जानवर के हमले की बात कही थी। हालांकि यह बात भी पुष्ट नहीं हुई। इससे पहले रेवाड़ी जिले के भैरू के पास राजस्थान के साथ लगते गांव खूदरोंठ में विभाग के पगमार्क देखे जाने का दावा किया गया था। लेकिन वह भी गलत मिला।
बार बार बदल राह मूमेंंट: अलवर वन विभाग की टीम उसे गांव में पहुंची लेकिन बाघ को टैंकुलाइज (Tiger loacation) नहीं कर पाई । इसकी वजह से बाघ की मूवमेंट लगातार बदलती जा रही है। जहां भी सूचना मिलती है वही टीम पहुंचती है, लेकिन निराशा ही हाथ लगती है। वन विभाग के अनुसार टाइगर कोटकासिम व बहरोड के आस पास गांवों में पिछले चार दिन धूम रहा है।