Tiger Location: सरिस्का से निकलने के बाद 250 किलोमीटर चल चुका है Tiger , जानिए अब कहां मिली लोकशन ?

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Tiger Latest Location: Rewari News :  राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से करीब तीन माह पहले निकला Tiger 2303 की पांच दिन बाद एक बार फिर बहरोड़-बानसूर के पास दिखाई दिया है। रेसक्यू टीम ने मौके पर जाकर बाघ के पग मार्क भी देखे गए है। सुरक्षा केे चलते रेसक्यू विभाग ने इलाके में वन विभाग ने अलर्ट जारी किया हुआ है। तीन माह पहले हुआ था गायब टाईगर बता दे कि सरिस्का टाइगर रिजर्व के टाइगर 2303 तीन पहले गायब हुआ था, लेकिन पहली लोकेशन उसकी 17 जनवरी को खुशखेडा के पास दिखाइ दिया था। उसके पास 23 जनवरी से टाइगर की लोकशन नहीं मिल रही थी।TIGER 6 करीबन ढाई साल के इस Tiger की लंबाई पूंछ सहित करीबन दस फुट है और करीबन 200 किलोग्राम वजह है। राजस्थान वन विभाग के अनुसार टाइगर अलवर के जंगल से निकल कर काफी समय किशनगढ़ बांस के जंगल में रहा। जिसके बाद ये टाइगर खैरथल –कोटकासिम – टपुकड़ा इलाके में होते हुये 18 जनवरी को हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पहुँच गया था।

बहरोड के पास मिली लोकेशन

राजस्थान के खुशखेड़ा से जब टाइगर रेवाड़ी इलाके में आया था। तब टाइगर कीकुछ फुटेज सामने आई थी। उस समय रेसक्यू टीम जरा सी चूक गई थी वरना टाइगर उनके कब्जे में होता। जिसके बाद कई बार टाइगर के पैरों के निशान तो मिले लेकिन टाइगर नहीं मिला।CTET RESULT 2024: सोशल मीडिया पर हुआ वायरल, इन दिन आएगा Result, जानिए सच्चाई अब राजस्थान के बहरोड़ बानसूर में टाइगर (Tiger Live Location) देखा गया गया है। टाइगर को रेसक्यू करना सरिस्का वन विभाग की टीम के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है। क्योंकि टाइगर अपनी लोकेशन बदल रहा है। राजस्थान से हरियाणा फिर चार दिन राजस्थान के कोटकासिम केे पास तथा अब एक फिर बहरोड के आस पास गांवो में दिखाई दिया है। प्रशासन ने किया अलर्ट: चूकी टाईगर बार बार लोकशन बदल रहा है। ऐेसे में टाइगर का रेसक्यू नहीं हो पा रहा है। सही लोकेशन नहीं ​मिलने के चलते टीम भी परेशान है। लगातार 11 दिन से टीम टाइगर के पीछे पीेछे लगी हुइ है, लेकिन पकडने कोे लेकर सफलता नही मिल रही है।भारत विकास परिषद: शिविर में 200 से अधिक मरीजों ने करवाई जांच ग्रामीण परेशान: टाइगर के खेतो में छिपे होने से किसान परेशान है। टाइगर बार बार लोेकशन बदलने से लोग भी सहम हुए है। लोगो का कहना है जब तक टाइगर पकउा नही जाता खेतो में जाना किसी खतरे से कम नहीं है। वन विभाग का कहना है टाइगर अब तक करीब 260 किलोमीटर चल चुका है। बाघ की उम्र कम होेने के चलते रेडियो कॉलर नहीं लगाया गया है।