Best24News, Rewari : रेवाड़ी में ठंड ने इस बार कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जनवरी माह की शुरुआत से ही रेवाड़ी जिले में कड़ाके की ठंड और घना कोहरा बना हुआ है। पिछले 8 सालों से जनवरी माह के दूसरे सप्ताह तक ठंड का असर कम हो जाता है। लेकिन इस बार कम नहीं हो रहा है।रेवाडी की ये तीन बेटियां गणतंत्र दिवस की झांकी में देगी प्रस्तुति
कोहरे की सफेद चादर में लिपटा शहर
ठंड के तेवर और ज्यादा तल्ख होने से सुबह के समय जनजीवन को प्रभावित कर दिया। रेवाड़ी जिला बुधवार सुबह घने कोहरे की सफेद चादर में लिपटा हुआ नजर आया। सुबह साढ़े 9 बजे तक शहर में ही विजिबिलिटी महज 30 मीटर रही। बाहरी क्षेत्र में घने कोहरे की वजह से सड़कों पर वाहन चलाना मुश्किल हो गया। कोहरे के कारण सुबह के समय 4 ट्रेनें 30 से 40 मिनट की देरी से चल रही है।Rewari: गांव के नाम का बोर्ड लगाने के लिए Dc को भेजा पत्र
अभी और पड़ेगी कड़ाके की ठंड
मौसम विशेषज्ञ डॉ. चंद्रमोहन ने बताया कि आने वाले दिनों में 25 जनवरी और उसके बाद 30 जनवरी को एक के बाद एक कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से सम्पूर्ण इलाके में आंशिक बादलवाई और मौसम में बदलाव के साथ तापमान में उतार-चढाव देखने को मिलेगा।
अभी ओर पडेगी ठंड:
धुंध व ठंड से गेहूं की फसलों को फायदा पहुंच रहा है। कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि सर्दी से गेहूं की फसल में फुटाव अधिक होने लगा है। अगर बारिश हो जाए तो फसल और बढ़िया होगी।
आने वाले चार दिनों तक आमजन को हाड़ कंपा देने वाली ठंड से राहत के आसार नहीं हैं। उसके बाद धीरे-धीरे तापमान में वृद्धि देखने को मिलेगी और इस कड़ाके की ठंड से आमजन को राहत के आसार बनेंगे।
कोहरे कई ट्रेने हुइ लेट
बुधवार को लंबी दूरी की 3 ट्रेनें सुबह के समय रेवाड़ी जंक्शन पर आधे घंटे से ज्यादा देरी से पहुंची। कोहरे के कारण रेल और सड़क यातायात पर काफी असर पड़ा है, जिससे यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि मंगलवार को दिन के समय धूप निकलने के कारण अधिकतम तापमान 11.5 डिग्री से सीधे बढ़कर 17.0 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया। जबकि न्यूनतम तापमान अभी भी पांच डिग्री के नीचे ही बना हुआ है।Azad Hind Fauj Soldiers Rewari : प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी हरि सिंह व मंगल सिंह को भेजे संदेश
मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 2 माह में 15-16 कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए, लेकिन इनके द्वारा केवल मौसम में बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव ही देखने को मिला। उत्तरी पर्वतीय इलाकों में इस बार केवल हल्की बर्फबारी ही हुई।
जबकि मैदानी इलाकों में बारिश की गतविधियां ही नहीं बनी। जिससे लगातार मैदानी क्षेत्र में सूखी ठंड पड़ रही है। बार-बार कमजोर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने से हवाओं की दिशा में भी बार-बार बदलाव हो रहा है।