दिल्ली: अयोध्या में आज प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। श्री राम के बाल स्वरूप में मूर्ति का निर्माण किया गया है जो श्यामल रंग की है। ऐसे में कई लोगों के सवाल है कि आखिर भगवान श्री राम की मूर्ति काले रंग की ही क्यों बनाई जा रही है।दीवाली की तरह सजा रेवाडी, इन मंदिरों में होगा प्राण-प्रतिष्ठा का लाइव प्रसारण
प्रभु श्री राम के आगमन के लिए अयोध्या (Ayodhya) पूरी तरह से सज कर तैयार है। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान पहले ही 16 जनवरी से शुरू हो चुका है।
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जन्म भूमि में बाल स्वरूप की उपासना की जाती है। इसी वजह से भगवान श्री राम की मूर्ति बाल स्वरूप में ही बनाई जा रही है। मूर्ति में प्राण डालने के लिए मंत्र उच्चारण के साथ- साथ देवों का आवाहन भी किया जाता है, इसलिए जिस भी प्रतिमा को पूजा जाता है. उसकी प्राण प्रतिष्ठा करना बेहद ही जरूरी होता है।
जानें इसके पीछे का रहस्य
भगवान श्री राम की मूर्ति का निर्माण श्याम शिला के पत्थर से करवाया गया है, जिस वजह से यह और भी खास है। श्यामशिला की आयु हजारों वर्ष मानी जाती है। मूर्ति हजारों साल तक अच्छी अवस्था में बनी रहे और किसी प्रकार का उसमें कोई भी बदलाव नहीं आए।यूरो इंटरनेशनल स्कूल में निकाली झांकी
वहीं, हिंदू धर्म में पूजा पाठ के दौरान अभिषेक भी करवाया जाता है। ऐसे में मूर्ति को जल, रोली, दूध जैसी चीजों से भी किसी प्रकार का कोई भी नुकसान नहीं होगा।