सुनील चौहान। धारूहेड़ा: भले ही नपा की ओर से एक करोड 42 लाख को डोर टू डोर कूडा उठाने का एजेंसी का कार्य दिया हुआ है, लेकिन स्वच्छता को लेकर धारूहेड़ा की हालत ठीक नहीं है। बृहस्पतिवार को स्वच्छता सर्वेक्षण में आई रिपोर्ट ने सफाई व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है।
पिछले साल प्रदेश स्तर पर नपा धारूहेडा की रैंकिंग 4 थी जबकि इस साल 49 पर है। इतना ही नहीं जोनल लेबल पर 186 आई है जबकि पिछले साल 16 पर थी।Earthquake: दिल्ली-एनसीआर, कश्मीर और चंडीगढ़ में भूंकप के तगड़े झटके, सहमे लोग, जानिए कहां था केंद्र
बता दे कि स्वच्छ सर्वेक्षण, दुनिया का सबसे बड़ा शहरी स्वच्छता और स्वच्छता सर्वेक्षण है। यह नागरिकों को सेवा वितरण में सुधार लाने और स्वच्छ शहर बनाने की दिशा में कस्बों और शहरों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना को बढ़ावा देने में सहायक रहा है।
स्वच्छ सर्वेक्षण का प्राथमिक लक्ष्य बड़े पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और कस्बों और शहरों को रहने के लिए बेहतर स्थान बनाने की दिशा में मिलकर काम करने के महत्व के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा करना है।
धारूहेड़ा नपा के सर्वेक्षण के आंकडों पर एक नजर
रेकिंग 2022 2023
नेशनल रेकिंग 785 3158
स्टेट रेकिंग 4 49
जोनल रेंकिंग 16 186
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मिल चुका है क्लीन सीटी अवार्ड
नपा धारूहेडा को पिछले साल क्लीन सीटी अवार्ड मिल चुका है। इतना ही सफाई् के लिए 100 से अधिक कर्मचारी, डोर टू डोर कूडा उठाने के लिए एजेंसी को ठेका देने के बावजूद कस्बे में सफाई व्यवस्था पिछली साल से बदहाल हुई है। नपा की सार्वजनिक शोचालयो को भी एक एजेसी का ठेका दिया हुआ है, लेकिन सफाई बरकरार नही है।रेवाड़ी से दिल्ली हो रही शराब की सप्लाई, शराब से भरा टैंपो पकडा, रिमांड में होगा तस्करों का खुलासा
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सर्वे में मिली परफोरमेंस सीटी रिपोर्ट कार्ड
1 टायलेट सफाई : 25 फीसदी
2 जलभराव की सफाई : 0 फीसदी
3 मार्केट सफाई : 27 फीसदी
4 रजिडेंस सफाई : 27 फीसदी
5 डंप की सफाई : 100 फीसदी
6 वेस्ट जनरेशन : 0 फीसदी
7 सोरस जनरेशन : 0 फीसदी
8 कूडा उठान : 16 फीसदी