रेवाड़ी: इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय रेवाड़ी एवं सीएसआइआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, हिमाचल प्रदेश के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों के लिए एमओयू साइन किया गया।Dharuhera: 6942 बकायेदारों ने बिजली निगम को दिया 6.70 करोड़ रुपये का “झटका”
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जे.पी. यादव ने बताया कि इस प्रकार के समझौते होने से विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं शिक्षकों को बहुत ही फायदा होगा। एमओयू के द्वारा विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं पारस्परिक रुचि के किसी अन्य क्षेत्र के निर्दिष्ट विषयों में अनुसंधान और शिक्षण के लिए सहयोग किया जाएगा।
आईजीयू, रेवाड़ी के संबंधित विभागों के संकाय सदस्य और सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, हिमाचल प्रदेश के वैज्ञानिक संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं की दिशा में काम करेंगे।
जिससे दोनों संस्थानों के बीच में अनुसंधान सुविधाओं का पारस्परिक रूप से उपयोग किया जा सकेगा। आईजीयू के संबंधित विभागों के शोधार्थियों एवं शिक्षकों को सीएसआईआर-आईएचबीटी नियम दिशानिर्देश के अनुसार पहचान पत्र जारी किया जाएगा ताकि उन्हें संस्थान की प्रयोगशाला और अन्य सुविधाओं तक पहुंच प्रदान की जा सके।
सीएसआईआर-आईएचबीटी द्वारा शोधार्थियों को ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण सुविधाएं एवं शिक्षण सामग्री प्रदान की जाएगी।गुस्साए लोगों ने कोसली रेलवे ट्रेक किया जाम, 9 साल से थर्मल प्लाट से छोड़ा जा रहा कैमिकल युक्त पानी
कुलसचिव प्रो. प्रमोद कुमार ने बताया कि इस प्रकार के समझौते होते रहनी चाहिए ताकि शोधार्थियों को नए-नए शोध कार्यों को करने के लिए नया मार्ग मिलता रहे। विश्वविद्यालय को अनुसंधात्मक संस्थानों के साथ जुड़ने पर हमें बहुत गर्व महसूस करना चाहिए।
इस अवसर पर सीएसआईआर-हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, हिमाचल प्रदेश की तरफ से निदेशक डॉ. सुदेश कुमार यादव एवं स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।