नागरिक अस्पताल की बिल्डिंग महज पांच साल में ही हो चुकी है खंडर
Best24News, Rewari news: सिविल अस्पताल के अतिरिक्त ब्लॉक की बिलि्डंग महज पांच साल में खंडर हो गई। एक बार विभाग पर मेटिरियल को लेकर सवाल उठ गया है। अब दोबारा से इस बिल्डिंग का कायाकल्प होगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने एक कराेड़ रुपये का एस्टीमेट बनाकर निदेशालय को भेज दिया है।
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वर्ष 2018 में अतिरिक्त ब्लॉक स्वास्थ्य विभाग को हस्तांतरित कर दिया गया था, लेकिन वर्तमान में बिल्डिंग को बाहर से देखकर लगता है कि यह एक दशक पुरानी हो चुकी है।भवन में कई जगह लिंटर तक उखड़ा हुआ है। छत पर पानी की टंकी के लिए बनाए बेस के पास लिंटर टूटा हुआ है। जगह-जगह दीवारों के लिंटर में सरिये बाहर निकले हुए हैं।
: बिल्डिंग में खिड़कियों के लगाए गए शीशे भी कई बार गिर चुके हैं। इनसे हादसे भी होते-होते बचे हैं। दरवाजों की हालत भी खराब है। दीवारों का प्लास्टर भी गिरता रहता है। बड़ा सवाल ये है कि इसी ब्लॉक में ज्यादातर ओपीडी चलती है।
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ऐसे में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। इतना ही नहीं द्वितीय तल के मेडिकल वार्ड और आईसीयू में टॉयलेट तक में ब्लॉक की समस्या पैदा हो गई है। कई जगह टाइल भी उखड़ने लगी है।
टीम ने किया दौरा
अगस्त में पीडब्ल्यूडी की टीम ने दौरा भी किया। इसमें काफी संरचनात्मक नुकसान पाया। अब अस्पताल की ओर से फिर से रिमाइंडर भेजकर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए लिखा गया है। साथ ही ये भी कहा कि अगर बिल्डिंग सुरक्षित है तो सर्टिफिकेट देने और रखरखाव का एस्टीमेट बनाकर निदेशालय भेजा गया है।
भवन निर्माण के समय भी कई बार सामग्री की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे। यह नया भवन 2016 में ही संपूर्ण हो गया था, लेकिन स्वास्थ्य विभाग को हस्तानांतरण 2018 में हुआ था। अब मात्र 5 साल में ही बिल्डिंग कंडम जैसी लगती है।
जगह-जगह से प्लास्टर गिर चुका है। बिल्डिंग की कई जगह तो ऐसी हालत है कि वह बिल्कुल कंडम हो चुकी है। बारिश के समय सर्जिकल वार्ड में पानी भी टपकता रहता है। वहीं, अतिरिक्त ब्लॉक में ही ज्यादातर ओपीडी चलती है।
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इनमें सर्जन, आंखों, मेडिसिन, चर्म रोग, ईएनटी व मनोरोग की ओपीडी शामिल हैं। साथ ही लैब भी इसी बिल्डिंग में है। ऐसे में दिनभर इस ब्लॉक में भीड़ रहती है। बिल्डिंग के गिरते प्लास्टर और कई जगह लिंटर उखड़ने की घटनाओं के कारण यहां बड़ा हादसा भी हो सकता है।
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जानिए क्या कहते है अधिकारी: स्वास्थ्य विभाग ने एक करोड़ रुपये का एस्टीमेट बजट तैयार कर निदेशालय भेजा है। नागरिक अस्पताल के अतिरिक्त ब्लॉक के व्यवस्था की बड़ी जरूरत है एस्टीमेट की मंजूरी मिलने पर मरम्मत कार्य शुरू हो जाएगा।
धर्मेंद्र कुमार, एसएमओ, नागरिक अस्पताल