हरियाणा: किसान संगठनों की तरफ से एमएसपी और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग को लेकर 26 से 28 नवंबर तक चंडीगढ़ में धरना प्रदर्शन की घोषणा की गई थी। किसान यूनियन और संयुक्त किसान मोर्चा के आह्रान पर चंडीगढ़ कूच की तैयारी में पहुंचे किसानों ने चंडीगढ़ की सीमाओं पर ही डेरा ड़ाल लिया है।
जगतपुरा में करीब 5 हजार किसान पहुंच चुके है तो वहीं पंचकूला में करीब 1 हजार किसान पहुंचे है। किसानों ने वहीं टेंट लगाकर धरना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही किसानों के खाने के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है। Haryana News: HC की खट्टर सरकार को फटकार, 550 सरकारी स्कूलों में टॉयलेट क्योंं नहीं ?
पुलिस बल तैनात: आपको बता दें कि किसान संगठनों का आरोप है कि दिल्ली में किसान आंदोलन के समय सरकार की तरफ से एमएसपी लागू करने का आश्वासन दिया गया था। जिसे अभी तक लागू नहीं किया गया है। चंडीगढ़ कूच की तैयारी में पहुंचे किसानों ने चंडीगढ़ की सीमाओं पर ही डेरा ड़ाल लिया है। चंडीगढ़ शहर में घुसने से रोकने के लिए भापी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। Haryana News:अब हरियाणा में जन आक्रोश रैली करेंगे बाप-बेटा, यहां जानिए पूरा शेडयूल
बोर्डर पर पहुंच रहे किसान: पंजाब के दूरदराज के इलाकों से किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर चंडीगढ़ में धरना देने की तैयारी में पहुंचे थे। लेकिन भारी पुलिस बल ने उन्हें चंडीगढ़ में नहीं घुसने दिया दिया तो किसान बावा व्हाइट हाउस फेज-11 से जगतपुरा चौक तक सड़क के दोनों तरफ बैठ गए। किसान नेताओं का कहना है कि सोमवार को होने वाली बैठक के बाद ही आगे कोई फैसला लिया जाएगा।

प्रदर्शन में 33 संगठन शामिल, वादाखिलाफी का आरोप
किसानों और कर्मचारियों की मांग
- एमएसपी गारंटी कानून बने
- लखीमपुरी घटनाक्रम में इंसाफ मिले
- किसान आंदोलन में जान गंवाने वाले परिवारों को सहायता व नौकरी
- किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस रद्द करने की मांग
- बिजली बिल माफी
- बिजली संशोधन बिल 2022 रद्द हो
- चार लेबर कोड निरस्त हो, न्यूनतम वेतन 26,000 किया जाए,
- मनरेगा में 200 दिन काम व 600 रुपये मजदूरी करने की मांग
- किसान-मजदूरों को 10,000 पेंशन की मांग
- रेवाड़ी के सैनिक स्कूल में इन पदों पर निकली भर्ती, फटाफट करें अप्लाई !
- बाढ़ प्रभावित किसानों को पंजाब सरकार से मुआवजा मिले
- गन्ने के दाम में वृद्धि की मांग
- पराली जलाने पर दर्ज केस रद्द करने की मांग
- किसानों को कर्जा मुक्त बनाने की मांग
- शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास की गारंटी
- सरकारी व सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण बंद करने की मांग
- अस्थायी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग
- पुरानी पेंशन योजना की बहाली
















