धारूहेड़ा: छह महापर्व के तीसरे दिन व्रतियों ने रविवार शाम के समय कृत्रिम घाटों पर पहुंचकर अस्त होते सूर्य को नमन कर पहला अर्घ्य दिया। श्रद्धालुओं ने अर्घ्य देने के साथ ही छठ मइया से सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। घाटों पर श्रद्धालु ढोल नंगाडों और आतिशबाजी करते हुए पहुंचे।
सोमवार उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व का समापन किया जाएगा। रविवार शाम को पूर्व मंत्री कप्तान अजय यादव नीलगिरी कालोनी पहंचें। उन्होंने छह पर्व मना रहे ब्रतधारियोंं को बधाई दी। शहर में कुछ सालों पहले तक छह पर्व लोग बहुत कम संख्या में मनाते थे। धीरे-धीरे शहर में बिहार प्रदेश के लोगों की संख्या बढ़ने लगी। कस्बे 15 जगह घाट बनाए गए है।Haryana: तीन घंटे पीछाकर ट्रक को किया काबू, 22 गौवंशों को करवाया मुक्त
टोकरी में सजाई पूजा सामग्री: छठ पूजा के लिए बांस से बनी टोकरियों का विशेष महत्व होता है। महिलाएं इस बांस की टोकरी और सूप (छाज) में पूूज की सामग्री रखती है। इसमें मुख्य रूम से चावल, दीपक, सिंदूर, गन्ना, हल्दी, खीर, सूजी का हलवा, पूरी, चावल के लड्डू आदि सामान रखते हैं। महिलाओं ने पूजा करके अपनी संतान की लंबी उम्र की कामना की।Rewari: कार में आए बदमाशों ने मेडिकेयर अस्पताल धारूहेड़ा में की तोड फोड, कर्मचारी के साथ की मारपीट
गूंजते रहे छठ मइयां के गीत
सुबह से हो रही तैयारियों के बीच समाज के लोग सिर पर बांस की टोकरी रखकर छठ मइया के गीत गाते हुए गंगा घाटों की ओर बढ़े। इस दौरान श्रद्धालु ‘हे छठी मइया हर लीं बलैया’, ‘कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए’, ‘रिमिक झिमिक बोलेलीं छठी मइया’ आदि छठ गीत गाते हुए आगे बढ़ रहे थे। इस मोके पर मनीषा सेनी, राकेश सैनी, डीके बसंल, ज्ञानीराव, हरिनारायण, दीपक, केके पांडेय, भरत तोंगड, मंजू तोंगड, रिंकू अग्रवाल, सुशील, परमानंद, अयोध्या प्रसाद, राजू आदि मौजूद रहे।