रेवाड़ी: रेवाडी खंडहर भवनो से हो रहे हादसो के बाद भी नगर परिषद के अधिकारी मौन बने हुए है। एक बार फिर खंडहर हो चुकी मुक्ति हवेली की एक साइड की दीवार बुधवार की रात ढह गई। जिससे बडा हादसा होते होते टल गया।अजमेर-दिल्ली वंदे भारत का होगा विस्तार, रेवाडी से चंडीगढ जाना हुआ आसान
कार क्षतिग्रस्त, बाइक सवार बाल बाल बचा: दीवार का मलबा गिरने के दो कारें और एक रेहड़ी उसमें दबकर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। दीवार गिरते वक्त जोरदार धमाका भी हुआ, जिससे आसपास के लोग सहम उठे। इतना ही वहीं से गुजर रहा एक बाइक सवार बाल बाल बच गया।
बता दें कि काफी समय पहले इस हवेली को खंडहर घोषित करने के साथ ही नोटिस जारी किए गए है। इसके बावजूद हवेली के अंदर 8 परिवार आज भी रह रहे है। जबकि हवेली पूरी तरह जर्जर हो चुकी है। इससे हवेली के अंदर रहने वाले परिवारों पर भी खतरा बना हुआ है। खास बात यह है कि खंडहर घोषित करने के बाद नगर परिषद सिर्फ नोटिस देने की कार्रवाई तक सीमित है।सावधान! घने कोहरे के चलते रेलवे ने रद्द की 62 ट्रेनें, कई ट्रेनों के बदले रूट, जानिए पूरी Details
पहले भी हो चुका हादसा
करीब ढाई माह पहले भी ठीक इसी तरह का हादसा भाड़ावास गेट पर हुआ था। यहां एतिहासिक भाड़ावास गेट का एक हिस्सा टूटकर गिर गया था, जिसके नीचे दबने से बाइक चालक रिटायर्ड शिक्षक की मौत हो गई थी। उसके बाद शहर में जगह-जगह बने जर्जर भवन को गिराने की आवाज उठी।विदेशी मुद्रा को लेकर घोटाला, चेयरमैन पवन मुंजाल पर ईडी ने कसा शिकंजा, शेयरों में भारी गिरावट ?
कार्रवाई के नाम पर नपा मोन: नगर परिषद ने इनका सर्वे जरूर कराया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं किया। शहर में 10 से ज्यादा ऐसी पुराने जर्जर भवन है, जो कभी भी गिर सकते है। अगर समय रहते जर्जन इमारते को नहीं गिराया तो कभी भी कोई हादसा हो सकता है।