प्रतिबंध के बाजवूद जमकर हुई आतिशबाजी, ​रेवाड़ी में फिर हुआ धुंआ धुंआ

AATISBAJI
रेवाड़ी: रविवार रात दिवाली पर दिल्ली-एनसीआर में बैन के बावजूद जमकर पटाखे और आतिशबाजी चली। इसी के चलते सोमवार को एक बार फिर हवा खराब हो गई। सोमवार सुबह करीब 5 पांच बजे धारूहेड़ा में एक्यूआई 281 तथा 9 बजे धारूहेड़ा में एक्यूआई 295 दर्ज किया गया।Breaking News: रेवाड़ी में आग लगी निपोन कंपनी के वेयरहाउस में , न्यूज चेनलों ने जला दी नेपकिन बनाने वाली कंपनी, अब नोटिस देने की तेयारी दीवाली से एक दिन धारूहेडा एक्यूआई 182 तक पहुंच गया था। रविवार सुबह सुबह धारूहेड़ा में साफ मौसम तथा रविवार सुबह एक्यूआई 189 था। लेकिन रात होते-होते हवा खराब होना शुरू हो गई। रविवार रात को करीब 9 बजे एक्यूआई 206 पहुंच गया था। आज सुबह आसमान में धुंध छाई हुई है और विजिबिलिटी कम हो गई है। सोमवार सुबह 9 बजे धारूहेड़ा में एक्यूआई 295 दर्ज किया गया।   diwali patakhe खूब फोड पटाखे: जिला प्रशासन की ओर से ग्रीन पटाखों को छोडकर अन्य पटाखों के बेचने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था। रेवाड़ी में चोरी छीपे खूब अवेध पटाखे बेचे गए। इतना ही नहीं रात को प्रतिबंध के बावजूद खूब पटाखे फोड गए। यही कारण है एक बार फिर जिले के प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।रेवाड़ी पुलिस की 24 टीमों ने की 55 जगह छापेमारी, जानिए क्या मिला ? आतिशबाजी चलाने से जो धुआं निकलता है उसमें चारकोल, सल्फर फ्यूल होता है जिसके कारण पार्टिकुलेट मैटर में बढ़ोतरी होती है और यही पार्टिकुलेट मैटर लोगों के फेफड़ों में जमा हो जाता है और यह उन लोगों को बहुत नुकसान पहुंचाता है जो लोग अस्थमा जैसी बीमारी से प्रभावित होते हैं।PATAKHE पटाखों से ध्वनि और वायु का प्रदूषण कितना बढ़ जाता है, लोगों को इस तथ्य से अनजान नहीं माना जा सकता। फिर भी अपनी क्षणिक खुशी के लिए वे लापरवाह हो जाएं तो यह जिम्मेदार नागरिकों की पहचान नहीं कही जा सकती।इंतजार खत्म: रेवाड़ी में जनवरी में शुरू होगा इलेक्ट्रिक बसों के लिए चार्जिंग स्टेशन कार्य, 170 बस एक साथ हो सकेंगी चार्जिंग आदेश हुए हवाई: प्रशासन के आदेशों की कहीं भी पालना नहीं हुई। शहर ही नहीं गांवों में जमकर आतिशबाजी हुई। अगर आतिशबाजी पर रोक लगती तो जरूर प्रदूषण से राहत मिल सकती थी। नंवबर माह में दीवाली से दो दिन पहले ही वातावरण ठीक हुआ था जबकि इससे पहले लगातार 10 दिन तक प्रदूषण खातक बना हुआ था। दीवाली से दो दिन पहले हुई बारिश से पोलूशन को काफी राहत दिलाई थी।  
क्या है एक्यूआई का पैरामीटर
एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर स्थिती ‘अति गंभीर’ श्रेणी आ जाती है। जागरूकता ही बचाव: जब तक लोग प्रदूषण को लेकर जागरूक नही होंगे। प्रदूषण को रोकना संभव ही नही है। सोमवार को प्रदूषण फिर से खतरनाक हो गया है। नपा को पानी की बोछार करने के आदेश भेजे जाएंगें। हरिश शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, एचएसवीएस