दीपावली पर क्यों खरीदते है झाडू, धरतेरस पर रेवाडी में झाडू की हुई जमकर कालाबाजारी

JHADU

रेवाडी: पूरे हिंदुस्तान में दीपाली पर्व खुशी से मनाया जा रहा है। धनतेरस पर रेवाडी सहित सभी बाजारों मे जमकर खरीददारी हुई। सनातन धर्म में दीपावली और धनतेरस का पर्व बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन नई वस्तुएं खरीदने का विधान है।

जिसमें लोग नए बर्तन आभूषण के अलावा झाड़ू की भी खरीदारी करते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है झाड़ू में माता लक्ष्मी का वास होता है. इतना ही नहीं कई लोग माता रानी को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस और दीपावली में कई तरीके के उपाय भी करते हैं।इंतजार खत्म: आयोग ने ग्रुप डी परीक्षा की आंसर की जारी, इस दिन जारी होगा परिणाम

धनतेरस के लिए बर्तन, झाड़ू और सोना चांदी के आभूषण खरीदे जाते है। लेकिन क्‍या आपको पता है कि ऐसा क्‍योंकि किया जाता है? यहां जानिए इसकी वजह-

जानिए क्या है झाड़ू खरीदने की वजह
झाड़ू को लक्ष्‍मी का स्‍वरूप कहा जाता है क्‍योंकि ये घर की गंदगी को साफ करती है. गंदगी को दरिद्र माना गया है और जहां गंदगी होती है, वहां कभी लक्ष्‍मी नहीं रहतीं। इसलिए लोग धनतेरस के दिन झाडू लेकर आते हैं। दीपावली से एक दिन पहले यानी नरक चौदस को झाड़ू से घर की सफाई करते हैं और दरिद्र को दूर करते हैं। इसे बाद घर को बहुत सुंदर सा सजाकर माता लक्ष्‍मी के आगमन की तैयारी करते हैं और दीपावली के दिन विधिवत उनकी पूजा करते है।Rewari: कोसली रेलवे स्टेशन की बदलेगी सूरत, 13 करोड़ 80 लाख रूपए होगें खर्च

धनतेरस का पर्व भगवान धन्वंतरि को समर्पित है. धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने का विधान भी है लेकिन धनतेरस पर दोपहर के बाद और सूर्यास्त के पहले झाड़ू खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस और दीपावली में झाड़ू का प्रयोग करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

धनतेरस के दिन घर के लिए आवश्यक दो झाड़ू लाना चाहिए। माना जाता है कि इस दिन नई झाड़ू खरीदने से सुख-समृद्धि आती है। साथ ही 3 झाड़ू और लेना चाहिए जिसको अलग-अलग 3 मंदिरों में दान कर देना चाहिए।

जमकर हुई कालाबाजारी: बताया जा रहा है अक्सर झाडू 70 से 80 रूपए में मिल जाती है। धनतेरस पर अक्सर 100 रूपए में झाडू बेची गई, इतना ही नहीं कई दुकानो पर झाडू सटॉक कम होने पर जमकर कालाबाजारी की गई1